नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 खत्म होने को आ गया है। ये साल घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए काफी हलचल भरा साल रहा। अर्थव्यवस्था ने इस दौरान रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की, हालांकि अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में रिकॉर्ड रिटर्न भी देखने को मिला। इसमें से सबसे अहम रहा शेयर बाजार जहां इस साल के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने अब तक के नए रिकॉर्ड स्तर दर्ज किए, वहीं सही वक्त पर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशकों ने जमकर कमाई भी की।
BSE का बाजार मूल्य 88 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
अगर अगले दो दिन बाजार में कोई बड़ी गिरावट नहीं होती है तो वित्त वर्ष 2020-21 निवेशकों के निवेश का मूल्य करीब 88 लाख करोड़ रुपये बढ़ा कर विदा होगा। हालांकि इस ऊंचे आंकड़े की अहम वजह 2020 की फरवरी और मार्च में आई तेज गिरावट थी। 31 मार्च 2020 को बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य 113.48 लाख करोड़ रुपये था, जो कि फिलहाल 201.27 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है। यानि एक साल के दौरान बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य 87.79 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है। ये किसी भी वित्त वर्ष में निवेशकों के बाजार मूल्य में आई सबसे तेज बढ़त है।
सेंसेक्स और निफ्टी में 66% से ज्यादा रिटर्न
वित्त वर्ष के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में शानदार रिकवरी देखने को मिली। इस अवधि में दोनो इंडेक्स ने 66 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। 31 मार्च 2020 से अब तक सेंसेक्स 29468 के स्तर से बढ़कर 49008 के स्तर तक पहुंच गया है, यानि सेंसेक्स में इस दौरान 66.3 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। वहीं निफ्टी 8597 से बढ़कर फिलहाल 14507 के स्तर पर आ गया है, यानि इसमें 68.74 प्रतिशत की बढ़त रही है। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने नए रिकॉर्ड स्तरों को भी छुआ। 16 फरवरी को सेंसेक्स 52516.76 के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंचा, वहीं निफ्टी ने 15431.75 का रिकॉर्ड स्तर छुआ था।
स्टॉक्स ने दिया 13 गुना से ज्यादा रिटर्न
इस दौरान निवेशकों ने बीएसई 500 स्टॉक्स में शामिल स्टॉक्स से 13 गुना से ज्यादा रिटर्न तक हासिल किया। इस दौरान इंटेलेक्ट डिजाइन का स्टॉक 45 रुपये से बढ़कर 623.6 के स्तर तक पहुंच गया। यानि कुल निवेश 13.8 गुना बढ़ा।
इसके साथ ही अडानी गैस में 970 प्रतिशत, हिंदुस्तान कॉपर में 500 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न हासिल किया।
वित्त वर्ष में बीएसई 500 में शामिल 50 से ज्यादा स्टॉक ऐसे रहे जिसमें निवेशकों की रकम एक साल के दौरान 3 गुना या उससे ज्यादा हो गई।
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