नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने फ्रेंकलिन टेम्पलटोन एएमसी पर सोमवार को नियमों का उल्लंघन करने को लेकर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया और उस पर बाजार में कोई भी नई रिणपत्र योजना लाने से दो साल के लिये रोक लगा दी। यह जुर्माना उसकी 2020 की छह रिणपत्र योजनाओं को बंद करने से जुड़ा है। सेबी ने अपने 100 पन्ने के आदेश में कंपनी से ब्याज सहित निवेश प्रबंधन और सलाहकार फीस के 512 करोड़ रुपये भी लौटाने को कहा है। उसके मुताबिक कंपनी ने यह राशि उसकी छह रिण योजनाओं के तहत जुटाई गई थी।
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एक अलग आदेश में नियामक ने फ्रेंकलिन टेम्पलटोन के एशिया प्रशांत (एपीएसी) के पूर्व प्रमुख विवेक कुडवा और उनकी पत्नी रुपा को पूंजी बाजार में जाने से एक साल के लिये रोक लगा दी। उन पर भेदिया सूचना के तहत फ्रेंकलिन टेम्पलटोन म्यूचुअल फंड योजना के यूनिटों को भुनाने का आरोप है। यह सूचना सार्वजनिक नहीं हुई थी। नियामक ने कुडवा पति- पत्नी पर कुल मिलाकर सात करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
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इसके साथ ही उनसे फ्रेंकलिन टेम्पलटोन म्युचुअल फंड योजना के भुनाये गये 22.64 करोड़ रुपये 45 दिन के भीतर एक अलग खाते में हस्तांतरित करने को भी कहा गया है। सेबी ने पाया कि इन दोनों ने मिलकर भेदिया सूचना रखते हुये 30.70 करोड़ रुपये के यूनिटों का विमोचन किया। सेबी ने इसके साथ ही फ्रेंकलिन टेम्पलटोन एएमसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य अनुपालन अधिकारी और निदेशकों के खिलाफ भी न्यायिक प्रक्रिया शुरू की है। सेबी ने पाया की फ्रंकलिन टेम्पलटोन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्रा.लिमिटेड ने योजनाओं को लेकर गंभीर खामियां उल्लंघन किये हैं।