नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को डेरिवेटिव प्रतिभूतियों के आधार पर अपने विदेशी ग्राहकों को पार्टिसिपेटरी नोट जारी करने से रोक दिया है। पी-नोट अपने आप में डेरिवेटिव उत्पाद हैं और ये भारतीय प्रतिभूतियों के आधार पर FPI द्वारा विदेशों में जारी किए जाते हैं। SEBI पी-नोट के मामले में लगातार नियमों को कड़ा कर रहा है।
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SEBI के एक सर्कुलर के अनुसार, पी-नोट जारी करने वाले FPI केवल उसी स्थिति में डेरिवेटिव अनुबंध के आधार पर आधारित पी-नोट जारी कर सकेंगे जहां वह डेरिवेटिव अनुबंध उनके पास पड़े शेयरों के हेजिंग (बाजार में उतार-चढ़ाव से बचने) के लिए लिया गया हो। ऐसे मामलों में डेरिवेटिव आधारित पी-नोट एक पर एक के आधार पर ही जारी किए जाएंगे और इसकी बाकायदा सूचना देनी होगी।
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इसके अलावा पूंजी बाजार नियामक SEBI ने कहा है कि ऐसे मामलों में जहां पी-नोट हेजिंग के इरादे से नहीं लिए गए हैं, जारीकर्ता FPI को ऐसे पी-नोट को 31 दिसंबर 2020 तक निपटाना होगा।