Highlights
- वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी देने पर एक साल तक के लिये प्रतिबंधित
- सेबी ने कहा कि एआईपीएल सही वित्तीय ब्योरा देने में नाकाम रही
- निवेश सलाहकार का कार्य कर रहे ऋषि सकुजा पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है
नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लि. और छह लोगों को कंपनी के वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर पूंजी बाजार से एक साल तक के लिये प्रतिबंधित कर दिया है और उनपर कुल 47.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इन छह लोगों (कंपनी के निदेशकों, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य निवेश अधिकारी) पर छह महीने या एक साल की पाबंदी लगायी गयी है। साथ ही 1.5 लाख रुपये से लेकर 7.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।
छह व्यक्तियों में से, सेबी ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (एआईपीएल) के बोर्ड में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नामित कृष्णा चंद्र राउत को छह महीने के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है और उन पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है अपने आदेश में सेबी ने कहा कि एआईपीएल सही वित्तीय ब्योरा देने में नाकाम रही। साथ ही ऐसे सौदे किये जो जो सही नहीं थे। इस प्रकार कंपनी का गलत वित्तीय ब्योरा देने के साथ उसके कोष का दुरुपयोग किया गया।
नियामक के अनुसार, कंपनी के निदेशकों, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी अपने कर्तव्य का निवर्हन करने में नाकाम रहे। सेबी ने 25 नवंबर के आदेश में कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर कंपनी और छह लोगों ने सूचीबद्धता बाध्यता तथा खुलासा जरूरत संबंधी नियम का उल्लंघन किया। इसके आधार पर एआईपीए को पूंजी बाजार से एक साल के लिये प्रतिबंधित करने के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
एक अलग आदेश में नियामक ने सेबी पंजीकरण के बिना निवेश सलाहकार का कार्य कर रहे ऋषि सकुजा पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा तीन अलग-अलग आदेशों में सेबी ने आस्तिक गोयल, अभय वर्मा एचयूएफ, शिवम चौधरी एचयूएफ (हिंदु अविभाजित परिवार) पर बीएसई में कम कारोबार वाले शेयर विकल्प अनुबंधों में गलत तरीके से व्यापार में लिप्त होने के लिए प्रत्येक पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।