नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भेदिया कारोबार (Insider Trading) के नियमों में संशोधन कर दिया है। सूचीबद्ध कंपनियों को अब अप्रकाशित मूल्य संवेदी सूचनाओं की प्रकृति को लेकर एक डजिटल डेटाबेस तैयार करना होगा। सेबी निदेशक मंडल ने इस संबंध में पिछले महीने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। भेदिया कारोबार नियमों में जो बदलाव किये गये हैं उसके मुताबिक सूचीबद्ध कंपनियों को एक ढांचागत डिजिटल डेटाबेस अपने पास रखना होगा। इसमें अप्रकाशित मूल्य- संवेदी सूचना की प्रकृति के बारे में पूरी जानकारी रखने के साथ ही उस व्यक्ति का नाम भी होना चाहिये जिसने इस तरह की सूचना को प्रसारित किया है। इसके साथ ही शेयर बाजारों को इस प्रकार की जानकारी स्वत: पहुंचाने और शेयर कारोबार पर प्रतिबंध लगाने जैसी स्व-स्फूर्त प्रक्रिया होनी चाहिये।
सेबी की 17 जुलाई को जारी अधिसूचना में इस बारे में कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि भेदिया सूचना को फैलाने वाले व्यक्ति के नाम के साथ ही उन लोगों की भी जानकारी रखनी होगी जिनके साथ इस तरह की सूचना साझा की गई। उनके साथ व्यक्तियों के पैन नंबर अथवा कोई अन्य पहचान वाला अधिकृत डेटा भी रखना होगा। संशोधित नियमों में कहा गया है कि इस प्रकार का डेटाबेस का काम बाहर किसी अन्य इकाई से नहीं कराया जा सकता है। यह पूरा रखरखाव आंतरिक तौर पर करना होगा जिसपर पर्याप्त नियंत्रण होना चाहिये। भेदिया कारोबार के नये नियमन 17 जुलाई 2020 से प्रभाव में आ गये हैं।