नई दिल्ली। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे की गिरावट के साथ लगभग 15 माह के निम्न स्तर, 75.36 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित होने से रुपये की विनिमय दर में गिरावट आई। इस वर्ष पहली बार रुपया, 75 रुपये प्रति डॉलर के नीचे बंद हुआ है। शुक्रवार को यह 74.99 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से देश में होने वाला आयात महंगा हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा असर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों पर पड़ेगा। त्योहार से पहले रुपये का कमजोर पड़ना महंगाई से राहत के मोर्चे पर आशंका पैदा करता है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया गिरावट केसाथ 75.11 रुपये पर खुला। कारोबार के दौरान यह 75.06 के उच्च स्तर और 75.39 रुपये के निम्न स्तर के दायरे में रहा और अंत में घरेलू शेयर बाजार के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद पिछले कारोबारी सत्र के बंद भाव के मुकाबले रुपया 37 पैसे की गिरावट के साथ 75.36 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। 14 जुलाई 2020 के बाद का यह सबसे कमजोर बंद स्तर है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.23 प्रतिशत बढ़कर 94.28 हो गया। वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड का दाम 2.08 प्रतिशत बढ़कर 84.10 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
सेंसेक्स, निफ्टी रिकार्ड ऊंचाई पर
घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्रों में तेजी रही और दोनों सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। मुख्य रूप से वाहन, बिजली और बैंक शेयरों में तेजी से बाजार को मजबूती मिली। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स एक समय कारोबार के दौरान 60,476.13 के रिकॉर्ड स्तर तक चला गया था। अंत में यह 76.72 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,135.78 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50.75 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ अबतक के रिकॉर्ड स्तर 17,945.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 18,041.95 अंक तक चला गया था।