नई दिल्ली। शुकवार को डॉलक के मुकाबले रुपये ने अपनी पूरी शुरुआती बढ़त गंवा दी। शुक्रवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले स्थिर रहते हुए रुपया 75.65 पर बंद हुआ। बाजार में कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर दबाव बना हुआ है। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता पर असर पड़ा है, जिससे रुपये को सहारा नहीं मिल रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 75.51 प्रति डॉलर पर खुला। लेकिन इसने शुरुआती लाभ को गंवा दिया और यह बृहस्पतिवार के ही स्तर 75.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। चार घंटे के कारोबारी सत्र में रुपया 75.43 के उच्च स्तर तक गया। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (मुद्रा) राहुल गुप्ता ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस को लेकर बढ़ती चिंता के बावजूद वैश्विक शेयर बाजारों में नए प्रोत्साहन पैकेजों तथा अर्थव्यवस्थाओं को खोलने की प्रतिक्रिया देखी जा सकती है और वे लाभ के साथ कारोबार कर रहे हैं।’’ गुप्ता ने कहा कि अभी बाजार उपभोक्ता गतिविधियों पर इसके असर का आकलन कर रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि हमें यह नहीं पता कि संक्रमण के मामले आगे किस रफ्तार से बढ़ेंगे।
दुनियाभर में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 96.12 लाख और मरने वालों का आंकड़ा 4.89 लाख पर पहुंच चुका है। भारत में भी संक्रमितों की संख्या 4.90 लाख को पार कर चुकी है।