नई दिल्ली। भारतीय रुपए में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिल रही है। बुधवार के कारोबारी सत्र में भारतीय रुपए की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई है। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 3 पैसा कमजोर होकर 64.91 पर खुला है। वहीं, मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे की गिरावट के साथ 64.89 के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि, सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की मजबूती के साथ 64.54 के स्तर पर बंद हुआ था। यह भी पढ़े:इन कंपनियों के मालिकों ने 1.8 लाख करोड़ रुपए के शेयर रखें गिरवी, निवेशक रहें सावधान
7 हफ्ते के निचले स्तर पर भारतीय रुपया
मंगलवार का दिन रुपए के अमंगल रहा। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 7 हफ्ते के न्यूनतम स्तर 64.89 पर आ गया। डॉलर की मांग बढ़ने से रुपए पर दबाव पड़ा। इससे पहले, दो दिन रपये में तेजी आयी थी। तीन अप्रैल के बाद घरेलू मुद्रा का यह न्यूनतम स्तर है। उस समय यह डॉलर के मुकाबले 65.03 पर बंद हुआ था। #ModiGoverment3Saal: मोदी के कार्यकाल में निवेशक हुए मालामाल, ऐसे 5 हजार रुपए लगाकर कमाए 3 लाख
मंगलवार को कुछ ऐसी रही रुपए की चाल
महीने के अंत में डॉलर मांग बढ़ने के साथ पूंजी निकाले जाने से घरेलू मुद्रा की विनिमय दर पर असर पड़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 64.64 पर खुला। रुपया सोमवार को 64.55 पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान एक समय यह 64.90 तक चला गया लेकिन अंत में यह 34 पैसे की गिरावट के साथ 64.89 पर बंद हुआ।
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62 का स्तर छू सकता है रुपया
CLSAके ग्लोबल टेक्निकल एनालिस्ट लॉरेंस बलानको का कहना है कि अगर इंडियन रुपए को टेक्निकल चार्ट्स पर आंकते है तो यह डबल टॉप फॉर्मेशन बना चुका है। इसीलिए आने वाले दिनों में यह एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 62 का स्तर भी छू सकता है।
रुपए में मजबूत आगे भी जारी रहेगी
एचडीएफसी बैंक में फॉरेक्स डीलिंग के हेड आशुतोष रैना ने बताया, डॉलर में कमजोरी के चलते हाल में रुपया मजबूत हुआ है। वहीं, विदेशी निवेशकों के भारत पर बढ़ते भरोसे से भी इसे सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स डॉलर में शॉर्ट पोजिशन ले रहे हैं। भारत के बॉन्ड और इक्विटी मार्केट में विदेशी निवेशक काफी रकम लगा रहे हैं।
कोटक सिक्यॉरिटीज के करंसी ऐनालिस्ट अनिंद्य बनर्जी के मुताबिक रुपए के फॉरवर्ड प्रीमियम में बढ़ोतरी से पता चलता है कि लोगों ने भारतीय करंसी के मुकाबले डॉलर में शॉर्ट सेलिंग शुरू कर दी है। बनर्जी ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में गिरावट से भी रुपए की ताकत बढ़ी है। भारत में अभी महंगाई दर कम है। इसलिए यहां इन्वेस्टर्स को दूसरे इमर्जिंग मार्केट्स के मुकाबले हायर रियल इंटरेस्ट रेट मिल रहा है। इस वजह से विदेशी निवेशक भारत में और रकम ला रहे हैं।