मुंबई। अंतर बैंकिग विदेशी मुद्रा विनिमय कारोबार में रुपए में मंगलवार की तेजी के बाद बुधवार को अंतिम दौर में रुख पलट गया। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि के बाद मुद्रास्फीति को लेकर चिंता बढ़ने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रुपया 17 पैसे गिरकर 68.74 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। आयातकों और कंपनियों की डॉलर मांग से बाजार की धारणा प्रभावित हुई। हालांकि, स्थानीय शेयरों में तेजी और विदेशों में मंदी का रुख भी रुपए की गिरावट थामने में नाकामयाब रहे।
उतार चढ़ाव भरे कारोबार के दौरान रुपये में एक व्यापक दायरे में उतार-चढ़ाव आया और कारोबार के दौरान यह ऊपर में 68.45 रुपए और नीचे में 68.77 रुपए प्रति डॉलर के स्तर को छू गया।
सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा की है। किसानों को उनकी खेती की लागत का डेढ गुणा दाम दिलाने के लिए सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इसके अनुरूप वृद्धि की है। इससे विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में धारणा कमजोर रही। समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ने की चिंता बढ़ी है। माना जा रहा है कि यदि मुद्रास्फीति बढ़ती है तो रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि कर सकता है।
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 68.52 रुपए पर मजबूत खुला और कारोबार के दौरान निर्यातकों और बैंकों की सतत डॉलर बिकवाली से 68.45 रुपए तक मजबूत हुआ। कारोबार के दौरान डॉलर दबाव बढ़ने से यह 68.77 रुपए के निचले स्तर को छूने के बाद कारोबार की समाप्ति पर 17 पैसे अथवा 0.25 प्रतिशत की हानि दर्शाता 68.74 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
सोमवार को रुपया पांच साल के निम्न स्तर तक लुढ़कने के बाद उसमें 23 पैसे का सुधार आया था। इस बीच भारतीय रिजर्व बैक ने डॉलर के लिए संदर्भ दर 68.5312 रुपए तथा यूरो के लिए 80.0239 रुपए निर्धारित की थी। अन्तर मुद्रा कारोबार में पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपए में गिरावट आई।