नई दिल्ली। बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखने को मिली है। रुपये में ये कमजोरी घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली के भारी दबाव और विदेशी बाजार में डॉलर की मजबूती से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने की वजह से दर्ज हुई। इसके अलावा निवेशक कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी से भी चिंतित दिखे।
बृहस्पतिवार के कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे की गिरावट के साथ 74.52 के स्तर पर बंद हुआ। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.44 के स्तर पर खुला और फिर अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले कमजोरी दर्शाते हुए 74.59 तक गिर गया। रुपया कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले 74.52 के भाव पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव 74.34 के मुकाबले 18 पैसे की गिरावट दर्शाता है। कोटक सिक्योरिटीज में करेंसी डेरिवेटिव और ब्याज दर डेरिवेटिव के डीवीपी अनिंद्य बनर्जी के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का हाजिर भाव डॉलर सूचकांक में तेजी के चलते 74.52 पर बंद हुआ। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.21 प्रतिशत बढ़कर 95.05 पर रहा। बनर्जी ने कहा, ‘‘अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेज बढ़ोतरी, सीपीआई मुद्रास्फीति में तेजी के चलते डीएक्सवाई ने 52 सप्ताह के नए उच्च स्तर को छुआ। घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के चलते भी रुपये पर दबाव बढ़ा। ’’ बनर्जी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर का प्रवाह भी बढ़त को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाजिर बाजार में निकट अवधि में रुपया डॉलर के मुकाबले 74.30 और 74.80 के दायरे में रह सकता है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर के अनुसार बृहस्पतिवार को डॉलर सूचकांक में उछाल के कारण भारतीय रुपये में गिरावट हुई। रिलायंस सिक्योरिटीज ने एक टिप्पणी में कहा कि अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों के 1990 के बाद उच्चतम दर से बढ़ने के बाद अमेरिकी डॉलर में उछाल आया, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि फेडरल रिजर्व उम्मीद से पहले ही ब्याज दरें बढ़ा सकता है। इस बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.73 प्रतिशत बढ़कर 83.24 डॉलर प्रति बैरल हो गया।