नई दिल्ली। बाबा रामदेव केवल योग गुरू ही नहीं बल्कि एक मार्केट गुरू भी हैं, इस बात का प्रमाण है एफएमसीजी कंपनी रुचि सोया इंडस्ट्रीज। कुछ महीनों पहले यह कंपनी दिवाला हो गई थी और अब इसका शेयर जनवरी में रीलिस्टिंग के बाद रॉकेज की तेजी से भाग रहा है। रुचि सोया कंपनी के दिवाला प्रक्रिया के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने इसका अधिग्रहण किया था। रुचि सोया के शेयर भाव में पिछले पांच महीने में 8,800 प्रतिशत की वृद्धि आ चुकी है।
इस साल 27 जनवरी को रुचि सोया को दोबारा शेयर बाजारों में रीलिस्ट कराया गया था, तब उसके एक शेयर का भाव 16.90 रुपए था। 27 जून यानी शुक्रवार को इसका भाव 1507.30 रुपए पर बंद हुआ। सोमवार को कंपनी का शेयर 73 रुपए की गिरावट के साथ 1431.95 रुपए पर कारोबार कर रहा था। पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल इसका अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपए में किया था। रुचि सोया का मार्केट कैपिटल बढ़कर 44,592.11 करोड़ रुपए हो गया। इस तरह मार्केट कैपिटल के मामले में यह भारत की 100 सबसे मूल्यवान कंपनियों में शुमार हो गई है। इसकी मार्केट कैपिटल एफएमसीजी की प्रमुख कंपनी मैरिको लिमिटेड से ज्यादा हो गई है। मैरिको की मार्केट कैपिटल 44,495.88 करोड़ रुपए है।
बाबा रामदेव के बयान के मुताबिक मार्च 2020 तक पतंजलि (13,000 करोड़ रुपए) और रुचि सोया (12,000 करोड़ रुपए) का संयुक्त राजस्व 25,000 करोड़ रुपए रहा है। बाबा रामदेव का दावा है कि इन दोनों कंपनियों का संयुक्त राजस्व अगले पांच साल में 50,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। चालू वित्त वर्ष के लिए दोनों कंपनियों का संयुक्त राजस्व 35 से 40 हजार करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया गया है।
रुचि सोया का अधिग्रहण पतंजलि ने 18 दिसंबर को पूरा किया था। रुचि सोया पर बैंकों का 9300 करोड़ रुपए बकाया था। पतंजलि के अधिग्रहण से प्राप्त 4300 करोड़ रुपए से बैंकों का 48 प्रतिशत कर्ज वसूल हो गया। रुचि सोया को खरीदने की दौड़ में अडानी विलमर कंपनी भी शामिल थी, जो बाद में पीछे रह गई। रिस्ट्रक्चरिंग के तौर पर पूर्व शेयरधारकों की हिस्सेदारी शून्य हो गई है।
वर्तमान में रुचि सोया की 99.03 प्रतिशत हिस्सेदारी (लगभग 29 करोड़ शेयर) पतंजलि ग्रुप की 15 कंपनियों के पास है। यह शेयर 3 साल के लिए लॉक हैं। शेष 0.97 प्रतिशत (लगभग 28 लाख शेयर) 82,000 पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है। एनसीएलटी के आदेश और सेबी के नियमों के मुताबिक पतंजलि को रीलिस्टिंग के बाद 18 महीनों में पब्लिक शेयर होल्डिंग को बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना होगा। 3 सालों में इसे 25 प्रतिशत पर ले जाना होगा। यही एक वजह है जिसकी वजह से जनवरी से लगातार रुचि सोया का शेयर ऊपर चढ़ रहा है, ताकि इसे आम जनता के लिए आकर्षक बनाया जा सके और नियामकीय आवश्यकता को आसानी से पूरा किया जा सके।