नई दिल्ली। आगामी महीनों में भारतीय कंपनियां करीब 20,000 करोड़ रुपए के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी में हैं। आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कंपनियां अपने कारोबार के विस्तार और अन्य कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए करेंगी। हुडको, एनएसई, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लि., नक्षत्र वर्ल्ड और कोचिन शिपयार्ड के आईपीओ आगामी महीनों में आएंगे।
इनमें से ज्यादातर कंपनयिों का इरादा आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कारोबार विस्तार और कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए करने का है। इसके अलावा ये कंपनियां आईपीओ के जरिए अपने शेयरों को एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने का भी लाभ ले सकेंगी। कुछ कंपनियों का मानना है कि शेयरों की सूचीबद्धता से उनका ब्रांड नाम बढ़ेगा और मौजूदा शेयरधारकों को तरलता मिलेगी।
फिलहाल पांच कंपनननियों हुडको, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज, एस चंद एंड कंपनी, जेनेसिस कलर्स और सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (इंडिया) लि. को अपने सार्वजनिक निर्गमों के लिए सेबी की मंजूरी मिली है।
इसके अलावा जीटीपीएल हैथवे, एनएसई, भारत रोड नेटवर्क, तेजस नेटवक्र्स, इरिस लाइफ साइंसेज, सलासर टेक्नो इंजीनियरिंग, एयू फाइनेंसर्स, प्रताप स्नैक्स, पीएसपी प्रोजेक्ट्स सहित 11 कंपनियों को आईपीओ के लिए नियामक की मंजूरी का इंतजार है।