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RIL बनी देश की पहली कंपनी, जिसने किया बीएसई के साथ नए लिस्टिंग नियम के तहत समझौता

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) सेबी के नए लिस्टिंग नियम के तहत समझौता करने वाली पहली कंपनी बन गई है। कंपनी ने आज बंबई शेयर बाजार के साथ समझौता किया है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated : December 22, 2015 14:06 IST
RIL बनी देश की पहली कंपनी, जिसने किया बीएसई के साथ नए लिस्टिंग नियम के तहत समझौता
RIL बनी देश की पहली कंपनी, जिसने किया बीएसई के साथ नए लिस्टिंग नियम के तहत समझौता

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) सेबी के नए लिस्टिंग नियम के तहत समझौता करने वाली पहली कंपनी बन गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आज बंबई शेयर बाजार के साथ रिवाइज्ड लिस्टिंग समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

इससे पहले लिस्टिंग समझौता शेयर बाजार और कंपनी के बीच द्विपक्षीय सहमति होता था और बाजार नियामक सेबी का इस संबंध कोई नियम नहीं था। इस तरह कंपनी का शेयर बाजार के साथ समझौता अलग-अलग हो सकता था और सेबी की सख्ती पूरी तरह लागू नहीं होती थी।

सेबी पिछले महीने यह नियम लेकर आई और सभी कंपनियों के लिए छह महीने की समयसीमा पेश की गई जिसमें इसने लिस्टिंग समझौते की सिफारिश की। बयान में कहा गया कि बीएसई के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आरआईएल सेबी के मानदंडों का अनुपालन करने वाली पहली लिस्टेड कंपनी बन गई है।

RIL को Q2 में 6720 करोड़ का हुआ प्रॉफिट

वित्‍त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड (RIL) के नतीजे बाजार की उम्‍मीद से बेहतर रहे हैं। शुक्रवार को कंपनी ने दूसरी तिमाही के वित्‍तीय नतीजों की घोषणा की। कंपनी ने बताया कि जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका कंसोलिडेटेड मुनाफा 12.5 फीसदी बढ़ा है। रिफाइनिंग बिजनेस का मार्जिन बढ़ने से कंपनी का मुनाफा भी बढ़ा है। दूसरी तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा बढ़कर 67.2 अरब रुपए रहा है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 59.72 अरब रुपए था। विश्‍लेषकों ने दूसरी तिमाही का मुनाफा 59.47 अरब रुपए रहने का अनुमान लगाया था।

जीआरएम सात साल के उच्‍चतम स्‍तर पर

रिलायंस इंडस्ट्रीज का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 7 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। रिफाइनिंग मार्जिन की बात करें तो वित्त वर्ष 2016 की दूसरी तिमाही में आरआईएल का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 10.6 डॉलर प्रति बैरल रहा है। चालू वि त्‍त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 10.4 डॉलर प्रति बैरल रहा था।

5000 करोड़ रुपए का टर्नओवर
दूसरी तिमाही में आरआईएल का टर्नओवर 5000 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी का स्टैंडअलोन मुनाफा 4 फीसदी बढ़कर 6561 करोड़ रुपए हो गया है। जबकि वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में स्टैंडअलोन मुनाफा 6318 करोड़ रुपए रहा था। वित्त वर्ष 2016 की दूसरी तिमाही में आरआईएल स्टैंडअलोन आय 7.6 फीसदी घटकर 60817 करोड़ रुपए रह गई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आरआईएल का स्टैंडअलोन आय 65817 करोड़ रुपए रही थी।

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