नई दिल्ली। बजट के बाद रियल्टी सेक्टर की कंपनी यूनिटेक, गोदरेज प्रॉपर्टीज, HDIL, ओबरॉय रियल्टी और DLF के शेयर ने महज 4 कारोबारी सत्र में 40 फीसदी तक का बड़ा रिटर्न निवेशकों को दिया है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग (सस्ते मकान) को इन्फ्रा दर्जा मिलने और सरकार के हाल में उठाए कदमों से शेयरों में खरीदारी लौटी है। शॉर्ट टर्म में निवेशक इन शेयरों पर दांव लगाकर अच्छे रिटर्न हासिल कर सकते है।
4 सत्र में 40 फीसदी तक चढ़े ये शेयर
शेयर | 4 सत्र | एक महीना | तीन महीने | छह महीने | एक साल |
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यूनिटेक | 40% | 42% | 25% | -7% | 30% |
गोदरेज प्रॉपर्टीज | 18% | 20% | 7% | 4% | 25% |
HDIL | 10% | 8% | 10% | -31% | -4% |
ओबरॉय रियल्टी | 8% | 9% | 11% | 8% | 40% |
DLF | 8% | 13% | 20% | -12% | 50% |
सोभा डेवल्पर्स | 6% | 3% | 7% | -15% | 2% |
क्यों है इन शेयरों में तेजी
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक बजट में दिए गए प्रस्ताव जैसे अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रा सेक्टर का दर्जा देने से रियल्टी कंपनियों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है।
- साथ ही, बैंकों ने कर्ज दरों में 1 फीसदी तक कटौती की है। इससे कर्ज आधारित कंपनियां जैसे डीएलएफ, यूनिटेक, एचडीआईएल, अंसल एपीआई पर कर्ज बोझ घटा है। इसीलिए कंपनियों के शेयरों में तेजी है।
बजट में किए गए अहम फैसले
- बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रा स्टेटस दिया गया है।
- इससे हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की फंडिंग के नए रास्ते खुलेंगे।
- बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लिए एलोकेशन बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
- इससे होम कंस्ट्रक्शन में तेजी आने की उम्मीद है।
- इसके साथ प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए समय को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है।
अब आगे क्या
- मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक बजट प्रस्तावों के चलते इन सेक्टर्स से स्टॉक्स के वैल्यूएशन में कुछ बढ़ोतरी सही है। इनवेस्टर अभी इनमें पैसा लगा रहे हैं, लेकिन ये शेयर हायर लेवल पर रहेंगे या नहीं, यह मीडियम टर्म में इन कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ से तय होगा। अगर प्रॉफिट ग्रोथ में कमी आती है तो इनके शेयर प्राइस में गिरावट आ सकती है।
- सेंट्रम ब्रोकिंग के सीईओ संदीप नायक ने कहा बैलेंस शीट पर तुलनात्मक तौर पर कम कर्ज होने से अभी निवेशकों की दिलचस्पी कुछ रियल एस्टेट कंपनियों में बढ़ी है।
- इकरा की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पीएमएवाई के लिए एलोकेशन बढ़ने से अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस की मांग बढ़ेगी। यह बिल्डरों और कर्ज देने वालों के लिए अच्छा है। इससे उन्हें मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिसकी वे कोशिश कर रहे हैं।