नई दिल्ली। पिछले दो दिन में देश की 4 बड़ी सरकारी कंपनियां HPCL, BPCL, IOC और हिंदुस्तान जिंक ने बड़े डिविडेंड का ऐलान किया है। इसके बाद इन कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। इस दौरान कंपनी के शेयर 5 फीसदी तक चढ़ गए है। अब सवाल उठता है कि आम निवेशकों के लिए यह शेयर क्यों और कैसे फायदेमंद होते है
इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि
छोटे निवेशक हमेशा बाजार को ट्रैक नहीं कर पाते है। ऐसे में निवेशक अच्छे फंडामेंटल के साथ डिविडेंड का भी फायदा उठा सकते है। अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियां रेग्युलर डिविडेंड देती हैं। इन कंपनियों का कैश फ्लो स्ट्रॉन्ग होता है, बल्कि ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन भी ज्यादा होता है। वे इकॉनमी की हालत खराब रहने पर भी अच्छी रेवेन्यू ग्रोथ मेंटेन रखती हैं। इन वजहों से ऐसे स्टॉक्स का वैल्यूएशन भी अक्सर ज्यादा होता है।
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इन कंपनियों ने किया डिविडेंड देने का ऐलान
- सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी IOC के बोर्ड ने 4.50 रुपए प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड को मंजूरी दे दी है। वहीं, HPCL के बोर्ड ने 6.40 रुपए के डिविडेंड का एलान किया है। इसके अलावा BPCL ने 12 रुपए प्रति शेयर और हिंदुस्तान जिंक 27.50 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड देगी।
कब तक मिलेगा डिविडेंड
- HPCL, BPCL और IOC ने 27 मार्च रिकॉर्ड डेट तय की है। वहीं, हिंदुस्तान जिंक ने 30 मार्च रिकॉर्ड डेट तय की है। इसका मतलब साफ है कि अगर आपके डीपी (डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट्स) में शेयर है तो आपके बैंक अकाउंट में डिविडेंड पहुंच जाएगा।
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इकोनॉमी पर होगा सकारात्मक असर
- सुंदरम म्युचुअल फंड के सीईओ, सुनील सुब्रमण्यम का कहना है कि सुनील सुब्रमण्यम के मुताबिक पीएसयू कंपनियों की ओर से डिविडेंड मिलने से देश के वित्तीय घाटे में कमी आएगी, जो इकोनॉमी के लिहाज से एक अच्छा कदम माना जा सकता है। इस तरह सरकार के पीएसयू कंपनियों से डिविडेंड वसूलने का फैसला एकदम सही है।
अब क्या करें निवेशक
- बोनांजा पोर्टफोलियो के पुनीत किनरा कहते है कि स्थिर डिविडेंड भुगतान करने वाली कंपनियों को आमतौर पर लंबी अवधि के निवेशक पसंद करते हैं। उनका कहना है कि दूसरे स्टॉक्स की तुलना में एक्सचेंज में इन शेयरों में अस्थिरता कम होती है। हाई डिविडेंड यील्ड को परिभाषित करने को कोई तय नियम नहीं है। कुछ एनालिस्ट्स स्टॉक के डिविडेंड यील्ड की तुलना बेंचमार्क के डिविडेंड यील्ड से करते हैं। जबकि कुछ एक्सपर्ट्स एक साल के बॉन्ड पर कर भुगतान के बाद मिलने वाले रिटर्न से इसकी तुलना करते हैं।
क्या होता है डिविडेंड यील्ड
- डिविडेंड यील्ड से शेयर में सुरक्षित रिटर्न का अंदाजा मिलता है। यानी डिविडेंड यील्ड जितनी ज्यादा होगी, निवेश उतना ही सुरक्षित होगा। डिविडेंड यील्ड= प्रति शेयर डिविडेंड X100/ शेयर भाव। 4 फीसदी से ज्यादा डिविडेंड यील्ड वाली कंपनियां ही डिविडेंड के आधार पर बेहतर होती है। मतलब साफ है कि किसी शेयर पर डिविडेंड यील्ड जितनी ज्यादा होगी, वह स्टॉक उतना बेहतर होगा। डिविडेंड टैक्स फ्री कैश पेआउट्स होते हैं। अगर कोई कंपनी लगातार डिविडेंड का भुगतान करती है तो इसका मतलब है कि उसका बिजनेस पर्याप्त कैश जेनरेट कर रहा है।
शेयर चुनने में इनकी क्या अहमियत है
- डिविडेंड प्रति शेयर के हिसाब से दिया जाता है। यानी जिस निवेशक के पास जितने अधिक शेयर होंगे उसकी डिविडेंड रकम उतनी ही अधिक होगी। लगातार बेहतर डिविडेंड का रिकॉर्ड रखने वाली कंपनी में निवेश सुरक्षित माना जाता है