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लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजारों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी: सेबी

सेबी प्रमुख की नए निवेशकों को सलाह, पहले जोखिममुक्त सरकारी प्रतिभूतियों में करें निवेश

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 22, 2020 16:29 IST
retail investor participation in market up- India TV Paisa
Photo:PTI (FILE)

retail investor participation in market up

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी पर अंकुश के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजारों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार को उद्योग मंडल फिक्की के पूंजी बाजार पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस दौरान डीमैट खातों की संख्या में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसकी वजह बाजार में नए निवेशकों की भागीदारी बढ़ना है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ माह के दौरान शेयर बाजारों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी में जोरदार इजाफा हुआ है।’’ कई विश्लेषकों का कहना है कि इसकी वजह यह है कि इस दौरान निवेशकों के पास निवेश के अधिक विकल्प उपलब्ध नहीं थे।

त्यागी ने कहा कि नए निवेशकों के लिए पूंजी बाजारों में सुगम प्रवेश के लिए यह अच्छा होगा कि वे पहले जोखिममुक्त सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में निवेश करें। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकारी प्रतिभूतियां डीमैट रूप में जारी की जानी चाहिए। सेबी प्रमुख ने कहा कि ये नए डीमैट खाताधारक सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के जरिये अनुभव हासिल करने के बाद अन्य प्रतिभूतियों को अपने डीमैट खातों में जोड़ें। उन्होंने कहा कि बाजार काफी हद तक मार्च के झटकों से उबर चुका है। उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद बाजार ने पहली तिमाही में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी जुटाई है। त्यागी ने कहा कि छह माह के लिए दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) प्रावधानों को निलंबित किए जाने की वजह से कंपनियां और ऋणदाता समाधान के लिए आईबीसी ढांचे का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

त्यागी ने कहा कि इसके अलावा नियामक ने कंपनियों द्वारा धन जुटाने की प्रक्रिया को भी आसान किया है। महामारी की वजह से कंपनियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ये कदम उठाए गए हैं। इन उपायों में राइट्स इश्यू, अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ), पात्र संस्थागत नियोजन से संबंधित नियम और तरजीही निर्गम के जरिये शेयरों के आवंटन के लिए सुगम मूल्य ढांचा आदि शामिल है। दबाव वाली संपत्तियों की समस्या से जूझ रही कंपनियों को सुगमता से तरजीही आवंटन के जरिये धन जुटाने की सुविधा को सेबी ने इस तरह के निर्गमों के लिए मूल्य तय करने के तरीकों में ढील दी और आवंटियों को खुली पेशकश की प्रतिबद्धताओं से छूट दी है।

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