नई दिल्ली। अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में एकतरफा गिरावट का सिलसिला बना हुआ है। गुरुवार को एक बार फिर से डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिली है, आज रुपये में करीब 30 पैसे की गिरावट देखी जा रही है और डॉलर का भाव बढ़कर 65.06 रुपए हो गया है जो 16 नवंबर 2017 के बाद सबसे ज्यादा भाव है, यानि डॉलर के मुकाबले रुपया 3 महीने के निचले स्तर तक आ गया है। डॉलर के मुकाबले रुपए में आई गिरावट के पीछे 3 मुख्य वजह हैं।
अन्य सभी करेंसी के मुकाबले डॉलर मजबूत
पहली वजह से डॉलर की मजबूती, अमेरिकी करेंसी डॉलर में दुनिया की अन्य ज्यादातर करेंसी के मुकाबले मजबूती देखी जा रही है, यूरो के मुकाबले डॉलर करीब 10 दिन के ऊपरी स्तर पर आ गया है। इसी तरह जापानी करेंसी येन, ब्रिटिश करेंसी पाउंड और चीनी करेंसी युआन के मुकाबले भी डॉलर में तेजी है। यही वजह है कि भारतीय करेंसी रुपए के मुकाबले भी डॉलर लगातार बढ़ रहा है।
शेयर बाजार में नरमी से रुपए पर दबाव
रुपए के मुकाबले डॉलर में आई तेजी की दूसरी बड़ी वजह शेयर बाजार में लगातार छाई नरमी है। विदेशी निवेशकों ने कुछ हद तक शेयर बाजार में बिकवाली की है, विदेशी निवेशक अपना निवेश निकाल कर पेमेंट डॉलर में लेते हैं, इस वजह से डॉलर की मांग बढ़ी है और रुपये की मांग घटी है जिस वजह से रुपये में नरमी है।
आयातकों की डॉलर मांग
आम तौर पर हर महीने के आखिर में आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग बढ़ जाती है। आयातक महीने के आखिर में आयात किए गए सामान की पेमेंट करते हैं और पेमेंट डॉलर में करनी पड़ती है। आयातकों की इस मांग की वजह से भी रुपए पर दबाव है।