नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए एक एप्लीकेशन लॉन्च की है। RBI की वेबसाइट पर शिकायत प्रबंधन प्रणाली यानी कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) की शुरुआत की गई है। इसके पीछे केन्द्रीय बैंक का मकसद समय से शिकायतों को हल कर ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना है।
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इस CMS पर कस्टमर पब्लिक इंटरफेस वाली किसी भी रेगुलेटेड एंटिटी जैसे कमर्शियल बैंक, शहरी सहकारी बैंक और एनबीएफसी के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस सिस्टम पर दर्ज कराई जाने वाली शिकायत को उपयुक्त लोकपाल ऑफिस/रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय ऑफिस को भेज दिया जाएगा।
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CMS को डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर एक्सेस किया जा सकता है। रिजर्व बैंक की योजना जल्द ही एक डेडीकेटेड इंटरेक्टिव वॉइस रिस्पॉन्स (IVR) सिस्टम भी पेश करने की है, ताकि शिकायतों के स्टेटस को ट्रैक किया जा सके।
ज्यादा पारदर्शी बनेगी प्रक्रिया
CMS को लॉन्च करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह एप्लीकेशन पारदर्शिता को और बेहतर बनाती है। यह एप्लीकेशन ऑटो जनरेटेड एक्नॉलेजमेंट्स के जरिए शिकायतकर्ताओं को उनकी शिकायत मिलने के बारे में सूचित करेगी। साथ ही उन्हें अपनी शिकायतों का स्टेटस ट्रैक करने में सक्षम बनाएगी. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर शिकायतकर्ता बैंकिंग लोकपाल के फैसलों के खिलाफ ऑनलाइन अपील भी कर सकेंगे। शिकायतकर्ता चाहें तो शिकायत के निवारण को लेकर अपने अनुभव पर फीडबैक भी दे सकते हैं।
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क्यों जरूरी है शिकायतों का जल्द निपटारा?
शक्तिकांत दास ने कहा कि शिकायतों के जल्द निपटारे के जरिए बैंकों व अन्य वित्तीय सेवा प्रोवाइडर्स में कंज्यूमर का विश्वास कायम रखना और एजुकेशन के जरिए कस्टमर्स को सशक्त बनाना बैंकिंग सिस्टम में विश्वास कायम रखने के लिए जरूरी है। अलर्ट और जागरुक कस्टमर प्रभावी तरीके से खुद को धोखे, जालसाजी या फ्रॉड आदि से बचा सकता है। उन्होंने कहा कि कस्टमर्स के बीच जागरुकता फैलाने के लिए हमने CMS पोर्टल पर सेफ बैंकिंग प्रैक्टिसेज व RBI की अन्य महत्वपूर्ण ग्राहक केन्द्रित नियामकीय पहलों पर युवा रोल मॉडल्स की वीडियो भी डाली हैं, इनमें खिलाड़ी भी शामिल हैं।
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कस्टमर्स की अपेक्षाएं समझने में भी होगी मदद
दास ने यह भी कहा कि CMS पर मौजूद डाटा का इस्तेमाल बैंकों व वित्तीय सेवा प्रोवाइडर्स द्वारा शिकायतों के जल्द निपटारे और शिकायत निवारण प्रणाली मजबूत बनाने में किए जाने की उम्मीद है। इस डाटा का इस्तेमाल शिकायतों के कारण, कस्टमर को किस बात से तकलीफ है, उनकी अपेक्षाएं क्या हैं, आदि समझने में भी किया जाना चाहिए। ताकि सर्विसेज को और बेहतर बनाया जा सके।