नई दिल्ली। बाजार के जानकारों के मुताबिक भारतीय शेयर बाजारों की चाल इस सप्ताह मोटे तौर पर कंपनियों के तिमाही नतीजे औऱ और भारत सहित दुनिया भर में कोरोना के से तय होगी। सरकार ने शुक्रवार को देशव्यापी लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया। इस कदम पर टिप्पणी करते हुए जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि यह बाजार के लिए कोई बड़ा आश्चर्य नहीं है क्योंकि बाजार पहले ही उम्मीद कर रहा था कि अर्थव्यवस्था को धीरे धीरे खोला जाएगा, जो नए प्रोटोकॉल के अनुरूप है। लेकिन नवीनतम आर्थिक और कॉरपोरेट आंकड़ों से बाजार चिंतित है, जो घरेलू अर्थव्यवस्था और कॉरपोरेट आय में अनुमान से अधिक गिरावट को दर्शाता है।
मोतीलाल ओसवाल के प्रमुख (रिटेल रिसर्च) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों की समीक्षा के अलावा बाजार उत्सुकता के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के रुझानों, तेल की कीमत और मुद्रा की चाल पर नजर रखेंगे। कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीन के विकास से जुड़ी कोई खबर भी बाजार को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजार व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर भी नजर रखेगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिए पीएमआई आंकड़े सोमवार को आएंगे, जबकि सेवा क्षेत्र के आंकड़े बुधवार को आएंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि सबसे पहले सोमवार को रिलायंस के आंकड़ों पर बाजार प्रतिक्रिया देगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के परिणाम गुरुवार को आए थे, जहां शुद्ध लाभ में अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट देखने को मिली। ऊर्जा कारोबार में सुस्ती के चलते ऐसा हुआ। घरेलू इक्विटी बाजार महाराष्ट्र दिवस के कारण शुक्रवार को बंद थे। इस सप्ताह यस बैंक और एचसीएल टेक्नालॉजीज लिमिटेड के परिणाम आने हैं। इस बीच मारुति सुजुकी और हुंदै सहित भारत की प्रमुख कार कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में लॉकडाउन के चलते पहली बार अप्रैल में उनकी मासिक घरेलू बिक्री शून्य रही। इन संकेतों का भी सोमवार के कारोबार में असर देखने को मिलेगा।