नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह पेश किए जाने वाले कंपनियों के तिमाही परिणामों और विदेशी घटनाक्रमों से तय होने की संभावना है। बाजार के जानकारों का यह अनुमान है कि निवेशकों का ध्यान अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया पर लगा रहेगा। वहीं इस सप्ताह विभिन्न डेरिवेटिव अनुबंधों की समाप्ति होगी, इसके चलते बाजार में उथल-पुथल देखने को मिल सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘ अमेरिकी चुनाव के नजदीक आने के कारण बाजार की चाल सीमित दायरे में रह सकती है। मिले जुले वैश्विक संकेतों तथा कंपनियों के तिमाही परिणाम के इस दौर में हमें खास खास शेयरों पर केंद्रित गतिविधियां ज्यादा दिख सकती हैं। निवेशक अमेरिका में चल रहे चुनाव के अलावा यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) और बैंक ऑफ जापान (बीओजे) की मौद्रिक नीति के विवरण तथा अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर भी गौर कर सकते हैं।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि आने वाले राष्ट्रपति चुनाव और राहत पैकेज पर जानकारी को लेकर सभी की निगाहें अमेरिकी बाजार पर होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘निवेशक यूरोप में कोविड-19 के नये मामलों पर भी ध्यान देंगे। परिणाम के सत्र में बाजार में भारी उथल-पुथल रहती है और हम इस सप्ताह इसकी उम्मीद कर सकते हैं।’’ इस सप्ताह कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, बैंक ऑफ बड़ौदा, मारुति सुजुकी इंडिया, इंडसइंड बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम जारी होने वाले हैं। निवेशक इनके ऊपर भी नजरें बनाये रखेंगे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि वैश्विक और घरेलू दोनों बाजार आगामी अमेरिकी चुनावों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हम निकट भविष्य में अस्थिरता की उम्मीद करेंगे।’’ पिछले सप्ताह सेंसेक्स में कुल मिला कर 702.52 अंक यानी 1.75 प्रतिशत की तेजी रही ।