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पाकिस्तानी शेयर बाजार को फिर लगा बड़ा झटका, निवेशकों के 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा डूबे

पाकिस्तानी शेयर बाजार में फिर से मातम छा गया है। पिछले कुछ कारोबारी सत्र में ही निवेशकों के 335 करोड़ डॉलर यानी 22,445 करोड़ स्वाहा हो चुके है।

Ankit Tyagi
Updated : October 29, 2016 9:46 IST
पाकिस्तानी शेयर बाजार को फिर लगा बड़ा झटका, निवेशकों के 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा डूबे
पाकिस्तानी शेयर बाजार को फिर लगा बड़ा झटका, निवेशकों के 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा डूबे

नई दिल्ली। पाकिस्तान के शेयर बाजार में फिर से मातम छा गया है। अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पिछले कुछ कारोबारी सत्र में ही निवेशकों के 335 करोड़ डॉलर यानी 22,445 करोड़ रुपए स्वाहा हो चुके है। दरअसल पाकिस्तान की तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी के  इमरान खान ने आगामी 2 नवंबर को राजधानी इस्लामाबाद में व्यापक तौर पर बंद कराने की प्लानिंग में हैं इससे पाक शेयर मार्केट पर बुरा असर देखने को मिली है।

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पांच सत्र में निवशकों के डूबे 35 हजार करोड़ रुपए

  • एक्सप्रेस ट्रिब्यून न्यूजपेपर के मुताबिक 20 अक्टूबर, 2016 को पाकिस्तान के शेयर बाजार में उच्चतम स्तर बनाने के बाद ऊपरी स्तर से रिकॉर्ड 3.75 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की जा चुकी है। जिससे मार्केट को 35,365 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है।

क्यों आई पाकिस्तान के शेयर बाजार में गिरावट

  • इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ ने 2 नवंबर को राजधानी बंद और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
  • यह विरोध प्रदर्शन मौजूदा नवाज शरीफ की सरकार के कामों में पारदर्शिता की कमी के विरोध में है।
  • शरीफ का नाम पनामा पेपर्स लीक में भी उछला था।
  • इससे पहले जब इमरान खान ने बंद के प्रयास किए थे तो उन्हें सफलता हाथ लगी थी।
  • ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन उन्होंने 2014 में किया था, जिसमें उन्होंने इस्लामाबाद के कई हिस्सों में करीब 4 महीनों इसे कायम रखा था।

क्या है विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के मुताबिक, इमरान खान के विरोध प्रदर्शन से पहले मार्केट में गिरावट के पीछे राजनीतिक अस्थिरता को असल कारण माना जा रहा है। निवेशक इसी अस्थिरता से डरे हुए हैं और इस विरोध में धार्मिक दलों के शामिल होने के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं।

एक और बहुत बड़ी गिरावट की आशंका

  • एक और महत्वपूर्ण वजह यह बताई जा रही है कि विरोध के लिए ऐसा वक्त चुना गया है, जब नए आर्मी चीफ की नियुक्ति भी लटकी हुई है क्योंकि जल्द ही जनरल राहील शरीफ का कार्यकाल खत्म होने वाला है।
  • राजनीति महकमों में हलचल का असर इक्विटी बाजार पर पड़ता ही है।
  • राजधानी में पूरी सरकारी मशीनरी, दूतावास और अंतरराष्ट्रीय संस्थान होते हैं।
  • जानकारों की मानें तो इस वजह से राजधानी में बंद का ऐलान निवेशकों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।

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