नई दिल्ली। घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से होने वाला निवेश मई अंत तक बढ़कर 60,027 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पी-नोट्स से होने वाले निवेश में लगातार दूसरे महीने तेजी देखी गयी है। पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक पी-नोट्स उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर भारतीय पूंजी बाजार का हिस्सा बने बगैर यहां निवेश करने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, उन्हें इसके लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना होता है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय पूंजी बाजार में मई अंत तक पी-नोट्स का कुल निवेश 60,027 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल अंत तक यह 57,100 करोड़ रुपये था। घरेलू पूंजी बाजार में शेयर, बांड, हाइब्रिड प्रतिभूति और डेरिवेटिव बाजार शामिल हैं। मार्च अंत में पी-नोटस् का निवेश 15 साल के निचले स्तर 48,006 करोड़ रुपये पर चला गया था। यह अक्टूबर 2004 के 44,586 करोड़ रुपये के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद का सबसे कम निवेश स्तर था। सेबी के आंकड़ों के अनुसार 60,027 करोड़ रुपये में से 49,160 करोड़ रुपये शेयर बाजार में 10,106 करोड़ रुपये बांड में, 159 करोड़ रुपये डेरिवेटिव में और 103 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में निवेश किए गए। रिलायंस सिक्युरिटीज में संस्थागत कारोबार के प्रमुख अर्जुन महाजन ने कहा कि सेबी के पंजीकरण प्रक्रिया सरल करने के बाद पी-नोट्स से निवेश करना आसान हुआ है और अब यह भारतीय बाजारों में निवेश करने का पसंदीदा विकल्प बन गया है।