नई दिल्ली। ऊंचे रिटर्न की जब-जब बात होती है तो आम लोगों से लेकर बड़े निवेशकों तक बिटकॉइन का जिक्र करते हैं। हालांकि इन सबके बीच एक और नाम है जिसने रिटर्न के मामले में बिटकॉइन को काफी पीछे छोड़ दिया है, ये नाम है Orchid Pharma का। फार्मा सेक्टर की इस कंपनी के स्टॉक ने सिर्फ 4 महीने में 7000 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दे दिया है। हालांकि बाजार के जानकार इस ऊंचे रिटर्न के लिए कंपनी के अपने प्रदर्शन की जगह दूसरी वजहें गिना रहे हैं। पहले जानिए कितना मिला निवेशकों को रिटर्न।
4 महीने में 1 लाख रुपये बन गए 72 लाख रुपये
स्टॉक 3 नवंबर 2020 को 18 रुपये पर रीलिस्ट हुआ था। स्टॉक आज 1307 के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यानि इसमें 7161 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। आंकड़ों के आधार पर देखे तो रीलिस्टिंग के वक्त जिस निवेशक ने कंपनी के स्टॉक्स में 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा उसे 5555 शेयर मिले होंगे। जिसका अब कुल बाजार मूल्य 72.61 लाख रुपये हो चुका है।
क्यों आई स्टॉक में रिकॉर्ड तोड़ तेजी
जानकारों की माने तो स्टॉक में आई रिकॉर्ड तेजी के लिए कंपनी के अपने प्रदर्शन से ज्यादा स्टॉक की डिमांड और सप्लाई में आया बड़ा अंतर है। एनसीएलटी रिजोल्यूशन के तहत धानुका लैब ने Orchid Pharma का नियंत्रण ले लिया था। बीएसई पर दिए गए दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के अनुसार कंपनी में प्रमोटर का हिस्सा 98 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
वहीं पब्लिक शेयर होल्डर्स में बैंकों, फाइनेंशिल इंस्टीट्यूशन और बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 1.27 प्रतिशत है। शेष हिस्सेदारी करीब आधा फीसदी बनती हैं। वीएम फाइनेंशियल के रिसर्च हेड विवेक मित्तल के मुताबिक शेयरों की सीमित मात्रा की वजह से ही मांग के मुकाबले सप्लाई काफी कम है और इसका असर शेयर की कीमतों पर है और इसी वजह से स्टॉक में लगातार सर्किट देखने को मिल रहा है। यानि स्टॉक में तेजी के लिए बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध स्टॉक की सीमित संख्या मुख्य वजह है। बीएसई पर स्टॉक का वॉल्यूम कुछ सौ से कुछ हजार के बीच ही है।
9 मार्च को ही Orchid Pharma के ट्रेडिंग वॉल्यूम के मुकाबले सेक्टर की अन्य कंपनी सिप्ला का ट्रेडिंग वॉल्यूम 76 गुना था।
(यह निवेश सलाह नहीं है, यहां सिर्फ उपलब्ध आंकड़ों की मदद से एक स्टॉक के प्रदर्शन को दिखाया गया है।