नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को तिमाही आधार पर पहली बार घाटे का सामना करना पड़ा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में 3,098 करोड़ रुपये की शुद्ध हानि दिखाई है जो मुख्य रूप से तेल गैस का भाव गिरने से कंपनी के निवेश पर लगे नुकसान के कारण हुआ है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में कंपनी को 4,240 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। देश की सबसे प्रमुख तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी के घाटे की प्रमुख वजह तेल और गैस के भाव में गिरावट के चलते चलते कंपनी की बही में परिसंपत्तियों का मूल्यांकन पहले से कम किया जाना है।
कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें गिरने से 2019-20 की चौथी तिमाही में कंपनी को परिसंपत्तियों पर 4,899 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि इसके बावजूद कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष के दौरान लाभ कमाया है। परिसंपत्ति के मूल्य पर नुकसान के चलते पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का शुद्ध लाभ आधा रहकर 13,445 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले साल 2018-19 में यह 26,765 करोड़ रुपये था।
समीक्षा तिमाही में कंपनी की कुल आय घटकर 21,456 करोड़ रुपये रही। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में आय 26,765 करोड़ रुपये थी। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का कच्चा तेल उत्पादन मामूली तौर पर गिरकर 58.2 लाख टन रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 59 लाख टन था। इसी तरह कंपनी का प्राकृतिक गैस उत्पादन भी सालाना आधार पर घटकर 6.04 अरब घनमीटर रहा। पिछले साल यह 6.56 अरब घन मीटर था। शंकर ने कहा कि उसकी विदेशी इकाई ओएनजीसी विदेश लिमिटे का भी शुद्ध लाभ 2019-20 में घटकर 454 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल 1,682 करोड़ रुपये था।