मुंबई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के चेयरमैन अशोक चावला ने एक्सचेंज के कर्मचारियों से कहा कि NSE मुश्किल दौर से गुजर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने एक्सचेंज के विरासती प्रौद्योगिकी संबंधी मुद्दों के समाधान और संगठन में व्याप्त दबाव को दूर करने का भी संकल्प जताया। चावला ने अपनी इस बात में एक तरह से एक्सचेंज की ओर से कुछ ब्रोकरों को सूचनाएं पहले पहुंचने के मामले को-लोकेशन को लेकर चल रही जांच के सिलसिले में वरिष्ठ कार्यकारियों के निकलने का संदर्भ दिया है।
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चावला ने अपने पत्र में कहा है कि एक्सचेंज में जो समस्या पैदा हुई उसे प्रभावी तरीके से संभाला गया। उन्होंने देश के सबसे बड़े एक्सचेंज के तौर पर इसे NSE की जिम्मेदारी भी बताया। चावला का यह पत्र NSE में कारोबार तीन घंटे से अधिक समय तक बाधित रहने के एक दिन बाद आया। चावला ने कहा कि 2016-17 कई तरह के उतार चढ़ाव का वर्ष रहा है। चावला ने हालांकि, कहा कि एक्सचेंज ने वित्तीय तौर पर अच्छा काम किया है और बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, इसके साथ ही यह चुनौतीपूर्ण समय भी रहा है। संगठनात्मक स्तर पर चुनौती, विरासती प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दे, नियामक से लेकर शेयरधारकों सहित सभी पक्षों के साथ संबंधों में फिर से गर्मजोशी लाने सहित तमाम मुद्दे एक्सचेंज के समक्ष रहे हैं।
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पिछले महीने ही NSE के उपाध्यक्ष रवि नारायण ने इस्तीफा दे दिया। बाजार नियायमक द्वारा एक्सचेंज की को-लोकेशन सुविधा के जरिये हाई-स्पीड ट्रेडिंग की पेशकश में कथित खामियों को लेकर अपनी जांच तेज किए जाने के बीच उन्होंने इस्तीफा दिया। इस मामले में नारायण सहित एक्सचेंज के कुछ शीर्ष पदाधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। रवि नारायण NSE के सीईओ रह चुके हैं। एक्सचेंज की प्रबंध निदशेक और सीईओ चित्रा रामकृष्णन ने भी पिछले साल दिसंबर में NSE से इस्तीफा दे दिया था।