नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को उद्योग जगत से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों का भारी मात्रा में लंबित बकाये का यथाशीघ्र भुगतान करने को कहा। उन्होने कहा कि इससे क्षेत्र की समस्या थोड़ी कम होगी और बाजार में नकदी का प्रवाह होगा। उद्योग मंडल फिक्की के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये चर्चा में एमएसएमई मंत्री गडकरी ने बड़े उद्योगों से छोटी इकाइयों के बकाये का भुगतान करने को कहा। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों पर एमएसएमई का काफी पैसा बकाया है। सरकार पहले इस प्रकार के भुगतान को जल्द करने को लेकर कानून बनाने पर विचार कर रहे थे। लेकिन अभी इसके लिये उपयुक्त समय नहीं है। सरकार उस रास्ते पर नहीं जाना चाहती।
सरकार का कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट से एमसएमई को संरक्षित करने का प्रयास है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 29 प्रतिशत का योगदान करता है। गडकरी ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिये कारोबारी सीमा बढ़ाने का निर्णय किया है। इस बारे में आदेश 8-10 दिनों में आने की उम्मीद है। इससे उनका दायरा स्वभाविक रूप से बढ़ेगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों को 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान कर एमएसएमई को दिये गये एक लाख करोड़ रुपये तक के कर्ज को बीमा सुरक्षा दी है। इस कर्ज के लिये 75 प्रतिशत की गारंटी ली गयी है जबकि 25 प्रतिशत गारंटी बैंकों को वहन करनी है। गडकरी ने कहा कि सरकार गारंटी सीमा कम करने का प्रयास कर रहे हैं। हम वित्त मंत्रालय से कर्ज सीमा एक लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये करने को कहेंगे ताकि एमएसएमई के लिये ऋण मिलना आसान हो।