नई दिल्ली। घरेलू म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अप्रैल-मई में भारतीय शेयर बाजारों में कुल मिला कर 20,600 अतिरिक्त करोड़ रुपए का निवेश किया। शेयर बाजारों में तेजी का लाभ लेने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अपना निवेश बढ़ाया है। हालांकि, इस दौरान शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश अपेक्षाकृत कम हुआ। पूरे वित्त वर्ष के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियों उद्योग के प्रदर्शन को लेकर आशान्वित हैं। नए निवेशकों का निवेश बढ़ने से क्षेत्र की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार म्यूचुअल फंड प्रबंधकों ने अप्रैल में शेयर बाजारों में 11,244 करोड़ रुपए का निवेश किया। मई में उनका निवेश 9,358 करोड़ रुपए रहा। इस तरह दोनों महीनों में उनका कुल निवेश 20,602 करोड़ रुपए रहा। म्यूचुअल फंडों ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 में शेयरों में 51,000 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
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इस रुझान के विपरीत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इन दो माह में 10,000 करोड़ रुपए के शेयरों की शुद्ध बिक्री की जबकि पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में वे 30,900 करोड़ रूपए के शुद्ध खरीदार थे। विदेशी संस्थागत निवेशकों के मामले में यह संभवत: जीएएआर के अनुपालन की नई व्यवस्था के कारण है जो अप्रैल 2017 से प्रभावी हो जाएगी।
बजाज कैपिटल के समूह निदेशक अनिल चोपड़ा ने कहा कि शेयरों में शुद्ध प्रवाह की वजह यह है कि खुदरा निवेश अब सीखने के दौर से उबर चुका है।