नयी दिल्ली। शेयर बाजारों में म्यूचुअल फंड निवेश साल के पहले 10 महीनों में आधा घटकर 55,700 करोड़ रुपए रहा। इसका कारण खुदरा निवेशकों की म्यूचुअल फंड में भागीदारी का कम होना है। भारतीय प्रतिभूति एवं अपीलीय बोर्ड (सेबी) के आंकड़े के अनुसार कोष प्रबंधकों ने पिछले साल जनवरी-अक्टूबर के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपए मूल्य के शेयर खरीदे थे।
प्राइम इनवेस्टर डाट इन के सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा, 'खुदरा निवेशकों का म्यूचुअल फंड में निवेश एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कम हुआ है। इसके परिणामस्वरूप म्यूचुअल फंड की तरफ से शेयर बाजारों में निवेश कम हुआ है।' उन्होंने कहा, 'बाजार के नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ खुदरा निवेशकों ने अपनी संपत्ति पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पाया। इसका कारण तेजी का कुछ चुनिंदा शेयरों तक सीमित रहना है। जबतक खुदरा निवेशक निवेश के लिए आगे नहीं आते, आने वाले समय में यह प्रवृत्ति बनी रह सकती है।'
सैमको में म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूशन कारोबार के प्रमुख ओमकेश्वर सिंह ने कहा कि हालांकि प्रति महीने शेयरों में निवेश सकारात्मक रहा है, लेकिन अगर हम 'सिस्टैमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान' (सिप) प्रवाह को हटा दें, यह प्रवाह नकारात्मक हो जाता है। यानी निवेश कम हुआ है। सिप के जरिए निवेशक निश्चित राशि निश्चित अवधि पर लगाते हैं। इस साल कुल 55,700 करोड़ रुपए के निवेश में से ज्यादातर निवेश जुलाई-सितंबर के दौरान हुए। कोष प्रबंधकों ने इस दौरान शुद्ध रूप से 43,500 करोड़ रुपए का निवेश किया। वहीं विदेशी निवेशकों ने इन तीन महीनों में 22,400 करोड़ रुपए की निकासी की।