नई दिल्ली म्यूचुअल फंड उद्योग ने बीते वित्त वर्ष 2019-20 में 72 लाख फोलियो जोड़े। इस तरह फोलियो की कुल संख्या नौ करोड़ के करीब पहुंच गई है। हालांकि, बीते वित्त वर्ष में फोलियो वृद्धि की संख्या इससे पिछले दो वित्त वर्षों की तुलना में कम रही है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस रुख की वजह कर्ज आधारित योजनाओं में निवेशकों के खातों में कमी है।
एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार उद्योग ने 2018-19 में 1.13 करोड़ निवेशक खाते जोड़े थे। इसी तरह 2017-18 में 1.6 करोड़ निवेशक खाते जोड़े गए थे। 2016-17 में 67 लाख और 2015-16 में 59 लाख फोलियो जोड़े गए थे। फोलियो व्यक्तिगत निवेशक खातों को दिया गया नंबर होता है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2020 के अंत तक 44 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास फोलियो की संख्या 8.97 करोड़ हो गई, जो मार्च, 2019 के अंत तक 8.24 करोड़ थी। इस तरह फोलियो की संख्या में 72.89 लाख का इजाफा हुआ।