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निफ्टी 5 साल में छुएगा 30 हजार का स्तर, अब इन शेयरों में हैं कमाई का बड़ा मौका

मॉर्गन स्टेनली इंडिया के एमडी, रिधम देसाई ने कहा कि बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में अगले 5 साल में निफ्टी 30 हजार के स्तर को छू सकता है।

Ankit Tyagi
Published on: June 08, 2017 7:16 IST
Nifty@30k: अगले 5 साल में निफ्टी छुएगा 30 हजार का स्तर, अब इन शेयरों में हैं कमाई का बड़ा मौका- India TV Paisa
Nifty@30k: अगले 5 साल में निफ्टी छुएगा 30 हजार का स्तर, अब इन शेयरों में हैं कमाई का बड़ा मौका

नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार में तेजी का दौर आगे भी जारी रहेगा। ऐसे में सेंसेक्स अगले कुछ महीनों में 39000 के स्तर को छू सकता है। हाल में एक कार्यक्रम के दौरान मॉर्गन स्टेनली इंडिया के एमडी, रिधम देसाई ने कहा कि अगले 3-4 साल में बाजार में बड़ी तेजी की उम्मीद है। इस दौरान निफ्टी कंपनियों की सालाना कमाई में 20 फीसदी की देखने को मिल सकती है, ऐसे में अगले 5 साल में निफ्टी  30000 के स्तर पर पहुंच सकता है।

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निफ्टी छूएगा 30 हजार का स्तर!

बिजनेस चैनल CNBCTV18 के इंटरव्यु के दौरान मॉर्गन स्टेनली इंडिया के एमडी, रिधम देसाई ने कहा कि बाजार में मौजूदा स्तर से 10 फीसदी की तेजी देखने को मिल सकती है। बाजार में अभी बुल रन की शुरुआत हुई है। इस बुल रन में अगले 3-4 महीने में सेंसेक्स 39 हजार के स्तर को पार कर सकता है। वहीं, अगले 5 साल में निफ्टी 30 हजार के स्तर पर पहुंच सकता है।यह भी पढ़े: RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, SLR 0.50 फीसदी घटाकर 20 फीसदी किया

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GST है बाजार के लिए बड़ा ट्रिगर

रिधम देसाई का कहना भारतीय बाजारों में जीएसटी को लेकर थोड़ा डर है। 50 फीसदी छोटी-मझौली कंपनियां जीएसटी के लिए तैयार नहीं हैं। जीएसटी के दायरे में 90 लाख से ज्यादा कंपनियां आएंगी और 90 फीसदी कारोबार को जीएसटी की ट्रेनिंग की जरूरत है। जीएसटी 1991 के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म है और अगले 3-4 साल में GST का ग्रोथ पर असर दिखेगा।यह भी पढ़े: खत्म होगा सस्ती कॉल और सस्ते डेटा का दौर, टेलीकॉम कंपनियां कर रही है कीमतें बढ़ाने की तैयारी!

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लार्ज कैप शेयरों में मिलेंगे बड़े रिटर्न

रिधम देसाई का आईटी सेक्टर पर बुलिश नजरिया है। उनका कहना है कि आईटी शेयरों के वैल्युएशन आकर्षक नजर आ रहे हैं। अमेरिका में निवेश बढ़ने से घरेलू आईटी कंपनियों को फायदा होगा। हालांकि उन्होंने फार्मा शेयरों में निवेश की सलाह नहीं दी। साथ ही उनका कहना है कि मिडकैप शेयरों में तेजी की रफ्तार सुस्त होगी और अगले 6 महीने में लार्जकैप शेयर ज्यादा रिटर्न देंगे।यह भी पढ़े:इन कंपनियों के मालिकों ने 1.8 लाख करोड़ रुपए के शेयर रखें गिरवी, निवेशक रहें सावधान

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फिलहाल घरेलू बाजार नहीं है महंगे

रिधम देसाई के मुताबिक उभरते हुए बाजारों में एफआईआई का रुझान कम हुआ है, ऐसे में विदेशी बाजारों में कमजोरी से घरेलू बाजार टूट सकते हैं। हालांकि, रिधम देसाई के मुताबिक विदेशी निवेशक भारत को लेकर बुलिश हैं, क्योंकि बाजार के वैल्युएशन ठीक हैं। घरेलू बाजार ना तो सस्ते हैं और ना महंगे हैं। सरकार को निजी निवेश बढ़ाने पर जोर देने की जरूरत है।यह भी पढ़े: एक महीने में 70 फीसदी तक गिरे इन शेयरों के भाव, अब क्या करें निवेशक

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इन 6 शेयरों में मिलेंगे बड़े रिटर्न

1.इक्विटास होल्डिंग

कंपनी का परफॉर्मेंस रिकॉर्ड बढ़िया रहा है। इक्विटास के टॉप एग्जिक्युटिव्स रिस्क मैनेजमेंट पर काफी ध्यान देते हैं। इससे स्मॉल फाइनैंस बैंक के तौर पर इसके सफल होने की काफी उम्मीद है। इडलवाइज सिक्यॉरिटीज की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजनेस में निवेश से शॉर्ट टर्म में रिटर्न ऑन इक्विटी में गिरावट आएगी, लेकिन इसका फायदा वित्त वर्ष 2019 के बाद मिलने लगेगा। स्मॉल फाइनेंस बैंक में सफल एंट्री से इसके वैल्यूएशन की री-रेटिंग हो सकती है।यह भी पढ़े: #monsoon2017: मानसून के इस सीजन में आपके पास है इन शेयरों में पैसा बनाने का मौका, ऐसे उठाएं फायदा

2.सुजलॉन एनर्जी

जनवरी- मार्च तिमाही में कंपनी ने कंडिशनल ऑर्डर साइन नहीं किया है। कंपनी को उन्हीं प्रॉजेक्ट्स के लिए ऑर्डर्स मिले हैं, जिनके लिए पावर परचेज अग्रीमेंट्स हो चुके हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कंपनी के लिए ऑर्डर कैंसल होने की आशंका बहुत कम है। सरकार रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पर ध्यान दे रही है, जिसका फायदा सुजलॉन को मिल सकता है। एमके ग्लोबल ने ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमें वित्त वर्ष 2018 के अच्छा रहने की उम्मीद है। कंपनी के पास 1.3 गीगावॉट की ऑर्डर बुक है। वह विंड एनर्जी प्रॉजेक्ट्स के लिए और ऑर्डर्स हासिल कर सकती है। यह भी पढ़े:#monsoon2017: मानसून ऐसे डालता है आपकी जेब पर असर, अच्‍छी बारिश से आपको होते हैं ये 6 फायदे

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3.मन्नापुरम फाइनेंस

IIFL ने एक हालिया नोट में लिखा है, सुस्त ग्रोथ और हायर क्रेडिट कॉस्ट के चलते वित्त वर्ष 2017 के रिटर्न ऑन असेट्स और रिटर्न ऑन इक्विटी को स्टैंडर्ड नहीं माना जा सकता। सीवी और मॉर्गेज बिजनस अभी छोटे हैं और इनकी ग्रोथ आगे चलकर तेज रह सकती है। आपको बता दें कि जनवरी-मार्च तिमाही में माइक्रोफाइनैंस पोर्टफोलियो की असेट क्वॉलिटी खराब रहने से निवेशकों को मायूसी हुई है, लेकिन ऐनालिस्ट कह रहे हैं कि कंपनी के शेयर अट्रैक्टिव वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं। यह भी पढ़े: EPFO ने ETF में निवेश की बढ़ाई सीमा, इस साल होगा 20000 करोड़ का इन्‍वेस्‍टमेंट

4.दिलीप बिल्डकॉन

मार्च तिमाही में कंपनी के नतीजे अच्छे रहे है। इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा तीन गुना से अधिक ढ़कर 196 करोड़ रुपए हो गया। रोड कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट अच्छा बना हुआ है। दिलीप बिल्डकॉन को इस सेगमेंट की दूसरी कंपनियों सहित इससे फायदा होने की उम्मीद है।

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5.अरबिंदो फार्मा

मार्च तिमाही में कंपनी का मुनाफा 4 फीसदी गिरा है, लेकिन एक्सपर्ट्स को वित्त वर्ष 2018 में इसके अच्छे प्रदर्शन का भरोसा है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने एक नोट में लिखा है कि कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी में बढ़ोतरी को देखते हुए दूसरी फार्मा कंपनियों के साथ उसका वैल्यूएशन गैप कम हो सकता है।

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