नई दिल्ली। वर्ष 2020 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के मामले में बाजार का प्रदर्शन अच्छा रहने के बाद अब अगले साल के लिए भी 30 से अधिक आईपीओ कतार में है। इनका कुल मूल्य 30,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है। इस साल विभिन्न कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटायी है। वहीं पिछले कुछ महीनों में आगे और निर्गम लाने की भी घोषणा की गयी है। तुलनात्मक तौर पर देखा जाए तो 2020 में कोविड-19 महामारी और उसके चलते लगे लॉकडाउन के बावजूद चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में आईपीओ का प्रदर्शन बेहतर रहा। यह 2019 से बेहतर स्थिति है जब 16 आईपीओ ने मात्र 12,362 करोड़ रुपये ही जुटाए थे। जबकि उससे पिछले साल 2018 में 24 कंपनियों ने अपना आईपीओ जारी किया था और 30,959 करोड़ रुपये जुटाए थे। वर्ष 2019 में 2018 के मुकाबले पूरे 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी थी।
आने वाले वर्ष में कल्याण ज्वैलर्स, इंडिगो पेंट्स, स्टोव क्राफ्ट, सामही होटल्स, एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स, न्यूरिका, मिसेज बैक्टर फूड्स और जोमैटो के आईपीओ कतार में है। वहीं यदि सरकार अपने इरादे पर आगे बढ़ती है तो 2021 में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ की भी बाजार में दस्तक देने की उम्मीद है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने का अनुमान है जो पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है। एलआईसी का बाजार मूल्यांकन हजारों अरब रुपये में होने का अनुमान है। बाजार विशेषज्ञों की माने तो इनमें से अधिकतर आईपीओ के जनवरी-मार्च में बाजार में आने की संभावना है। इस तरह चालू वित्त वर्ष का अंत सकारात्मक रुख के साथ होने की उम्मीद है। अन्य बड़े कॉरपोरेट आईपीओ में केरल के कल्याण ज्वैलर्स के आईपीओ का आकार 1,750 करोड़ रुपये और इंडिगो पेंट्स के आईपीओ का आकार लगभग 1,000 करोड़ रुपये का रहेगा।