नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने चालू साल 2020 की पहली छमाही में शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से करीब 39,500 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले करीब चार गुना अधिक है। शेयर बाजारों में व्यापक रूप से उतार-चढ़ाव और ‘करेक्शन’ की वजह से यह निवेशकों के लिए निवेश का एक अच्छा अवसर है। विशेषज्ञों ने कहा कि सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के इक्विटी फंड में सतत प्रवाह से फंड मैनेजरों के पास गुणवत्ता वाली कंपनियों में खरीदारी के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध है। शेयर बाजारों में म्यूचुअल फंड कंपनियों का निवेश ऐसे समय बढ़ा है जबकि कोरोना वायरस संकट की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसके चलते मार्च, 2020 में शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला चला था।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा जनवरी-जून, 2020 के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 39,478 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि में 8,735 करोड़ रुपये रहा था। इसमें से अकेले 30,000 करोड़ रुपये का निवेश मार्च में हुआ। उस समय शेयर बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली का सिलसिला चला था। मॉर्निंगस्टार इंडिया के निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव और करेक्शन की वजह से निवेशकों को निवेश का अच्छा अवसर मिला।’’ उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद इस साल इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड में अच्छा निवेश देखने को मिला है। यह दर्शाता है कि निवेशक अब परिपक्व हो गया है और वह ‘करेक्शन’ को जोखिम नहीं बल्कि अवसर के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि फंड में अच्छे प्रवाह और आकर्षक मूल्यांकन की वजह से म्यूचुअल फंड कंपनियां बाजार में अधिक निवेश कर पाई हैं। उन्होंने निवेश के इस अवसर का लाभ उठाया है। आंकड़ों के अनुसार म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस साल जनवरी में शेयरों में 1,384 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। फरवरी में 9,863 करोड़ रुपये और मार्च में 30,285 करोड़ रुपये का निवेश किया। वहीं अप्रैल में उन्होंने 7,965 करोड़ रुपये की निकासी की। इसके बाद मई में उन्होंने फिर 6,522 करोड़ रुपये का निवेश किया। जून में उन्होंने 612 करोड़ रुपये की निकासी की।