नई दिल्ली। ओपेक और रूस सहित अन्य तेल उत्पादक देशों के बीच कीमतों में तेजी लाने के लिए जुलाई तक उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने और उसके बाद इस साल के अंत तक प्रतिदिन 80 लाख बैरल कटौती की योजना मैक्सिको के गतिरोध के चलते अधर में लटक गई है। इस योजना के तहत मैक्सिको को जितनी कटौती करनी है, वह उसके लिए तैयार नहीं है। ओपेक ने शुक्रवार को कहा कि मेक्सिको को छोड़कर प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने मई और जून में उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने पर सहमति जताई है। ओपेक और अन्य प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने कीमतों में भारी गिरावट रोकने के लिए गहन वार्ता की, जिसके बाद यह बयान आया।
तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई वार्ता के बाद कहा कि उत्पादन में जुलाई से दिसंबर तक 80 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने के समझौते पर सहमति मैक्सिको के रुख पर निर्भर करेगी। मैक्सिको ने इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि मांग में आई कमी के कारण इतनी कटौती भी पर्याप्त नहीं होगी। एक बयान के मुताबिक ओपेक के महासचिव मोहम्मद बारकिंडो ने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित हैं। यह सभी के ऊपर बुरी छाया की तरह है। हम नहीं चाहते हैं कि यह छाया हमें ढंक दे। इसका पूरे उद्योग पर दीर्घकालिक प्रभाव होगा। कोरोना वायरस संकट और तेल उत्पादक देशों के बीच कीमत यु्द्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट आई। ऐसे में ओपेक और अन्य देशों की गुरुवार को हुई बैठक में उत्पादन में कटौती पर सहमति बनने की पूरी उम्मीद थी। हालांकि, कुवैत के तेल मंत्री ने शुरुवार तड़के बताया कि समझौता अभी हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि ओपेक समूह की बैठक सुबह तीन बजे खत्म हुई। मैक्सिको ने सभी देशों के प्रतिदिन एक करो़ड़ बैरल कटौती के समझौते को बाधित किया। वहीं मैक्सिको के ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट किया कि मैक्सिको मार्च में 17 लाख बैरल उत्पादन करने के बाद अगले दो महीनों में उत्पादन में एक लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने को तैयार है। खबरों के मुताबिक समझौते के तहत मैक्सिको को उत्पादन में चार लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करनी थी।