एलआईसी की शेयर बाजार में लिस्टिंग अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हो सकती है। बजट के बाद वित्त सचिव राजीव कुमार ने इस बारे में जानकारी दी। वित्त सचिव के मुताबिक इस बारे में काम शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानि अक्टूबर से मार्च के बीच एलआईसी बाजार मे लिस्ट हो सकती है।
रविवार को लिस्टिंग पर बात करते हुए वित्त सचिव ने कहा कि लिस्टिंग के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा इसके साथ ही कुछ नियमों में बदलाव की जरूरत भी पड़ सकती है। इसके लिए कानून मंत्रालय से सलाह ली जाएगी। वित्त सचिव के मुताबिक इस बारे प्रक्रिया की शुरुआत की जा चुकी है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि लिस्टिंग अक्टूबर-मार्च के बीच में होगी। सचिव के मुताबिक बाजार में लिस्टिंग की वजह से न केवल कामकाज में पारदर्शिता आएगी साथ ही कंपनी में लोगों की भागेदारी भी बढ़ेगी। वहीं एलआईसी जैसी कंपनी के लिस्ट होने से शेयर बाजार को भी मजबूती मिलेगी।
वित्त सचिव ने साफ किया कि सरकार कितना हिस्सा बेचने जा रही है इसका अभी फैसला नहीं हुआ, हालांकि उनका अनुमान है कि ये आंकड़ा 10 फीसदी संभव है। फिलहाल एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। करीब 60 साल पुरानी एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। एलआईसी का देश के बीमा कारोबार में हिस्सा 70 फीसदी है। पॉलिसी संख्या के मामले में ये हिस्सा करीब 76 फीसदी, और पहले साल के प्रीमियम के मामले में ये हिस्सा 71 फीसदी है।
सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए एलआईसी की लिस्टिंग और आईडीबीआई बैंक में हिस्सा बिक्री से 90 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। वहीं पूरे साल के लिए विनिवेश का कुल लक्ष्य 2.1 लाख करोड़ रखा गया है।