नई दिल्ली। भारत की अग्रणी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में 11 गुना बढ़कर 6,227.31 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने कहा कि भंडार पर हुए लाभ और बेहतर कमाई के दम पर उसका एकल शुद्ध लाभ 6,227.31 करोड़ रुपये यानी 6.78 रुपये प्रति शेयर रहा। साल भर पहले कंपनी का शुद्ध लाभ 563.42 करोड़ रुपये रहा। इसके साथ ही ऱिफायनिंग मार्जिन में बढ़त से भी कंपनी को फायदा मिला है। कंपनी ने शेयर बाजार से कहा कि सितंबर तिमाही में उसकी ईंधन बिक्री 177 लाख टन रही, जो जून तिमाही से 16 प्रतिशत अधिक है। हालांकि यह साल भर पहले की समान तिमाही के 201.7 लाख टन की तुलना में 12 प्रतिशत कम है। इस दौरान आईओसी के परिशोधन संयंत्रों ने करीब 140 लाख टन कच्चा तेल का परिशोधन किया। यह जून तिमाही के 130 लाख टन से अधिक लेकिन सितंबर 2019 तिमाही के 175 लाख टन से कम है। कंपनी का परिचालन से प्राप्त राजस्व साल भर पहले के 1.32 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कम होकर 1.15 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल ने चालू वित्त वर्ष में एक या अधिक खेप में बांड अथवा डिबेंचर जारी कर 20 हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज जुटाने को मंजूरी दे दी।
तिमाही के दौरान कंपनी रिफायनिंग मार्जिन बढ़त के साथ 8.62 डॉलर पर पहुंच गए हैं। पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी का ग्रॉस रिफायनिंग मार्जिन 1.28 डॉलर के स्तर पर था। रिफायनिंग मार्जिन प्रति बैरल कच्चे तेल को ऱिफाइन करने के बाद मिले पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत और कच्चे तेल की कीमत का अंतर होता है। कंपनी को तिमाही के दौरान सस्ता कच्चा तेल खरीदने से 7400 करोड़ रुपये का इन्वेंटरी मुनाफा हुआ है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी 1807 करोड़ रुपये इन्वेंटरी घाटा हुआ था