जयपुर। जौहरियों की नगरी कहे जाने वाले जयपुर में सोने-चांदी की कीमतों में एक साल से जारी उछाल से जहां निवेशक खुश हैं, वहीं आम खरीददार परेशान हैं। बीते एक साल में सोना 24 प्रतिशत तो चांदी 21 प्रतिशत महंगा हो चुका और इस असामान्य तेजी की सबसे बड़ी वजह अमेरिका व चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी की आहट माना जा रहा है।
जयपुर सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने के भाव 39,540 रुपए प्रति दस ग्राम व चांदी के भाव 48,480 रुपए प्रति किलो रहे। एक प्रमुख वेबसाइट के अनुसार अगर भावों की तुलना की जाए तो ठीक एक महीने पहले ये क्रमश: 38,460 रुपए प्रति दस ग्राम व 44,380 रुपए प्रति किलो थे। यानी इनमें क्रमश: 2.8 प्रतिशत व 9.24 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। लेकिन एक साल पहले के भावों से तुलना की जाए तो भाव 24.06 प्रतिशत व 21.20 प्रतिशत चढ़ चुके हैं।
पिछले साल 10 सितंबर को जयपुर में सोना (99.99) 31,871.70 रुपए प्रति दस ग्राम व चांदी 40,000 रुपए प्रति किलो थी। कारोबारियों का कहना है कि पिछले लगभग एक सप्ताह से भले ही सर्राफा बाजार में भाव थोड़े नरम दिख रहे हों लेकिन सालाना व मासिक आधार पर कुल मिलाकर तेजी का रुख है। पिछले सप्ताह चार सितंबर को जयपुर में सोना 41,280 रुपए प्रति दस ग्राम व चांदी 51,800 रुपए की ऊंचाई को छू गई थी।
कारोबारियों का कहना है कि सोने-चांदी के भावों में तेजी की बड़ी वजह दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका व चीन के बीच जारी खींचतान है। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने कहा कि बड़ी वजह तो अमेरिका-चीन में जारी व्यापार युद्ध ही है। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कमी की संभावना व वैश्विक सतर पर आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती भी बाजार धारणा को प्रभावित कर रही है।
जयपुर में सोने के एक प्रमुख कारोबारी डी डी गर्ग ने कहा कि दुनिया में जब भी मंदी की आहट होती है तो सोना महंगा हो जाता है क्योंकि सोने को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। यही कारण है कि भावों में तेजी है। बाजार विश्लेषकों के अनुसार सोने-चांदी में उछाल से निवेशक खुश हैं क्योंकि रिटर्न कहीं अच्छा मिल रहा है, वहीं खरीदार परेशान हैं, विशेषकर जिन घरों में शादी ब्याह है उनके लिए सोना चांदी खरीदना है।
गर्ग के अनुसार निश्चित रूप से यह निवेशकों के लिए अच्छा समय है, जबकि आम खरीदार शायद उतना खुश नहीं होगा। एक अन्य कारोबारी के अनुसार सोने-चांदी के भाव के रुख में आगामी त्योहारी सीजन में भी ज्यादा बदलाव होता नजर नहीं आ रहा क्योंकि यह तो वैश्विक रुख है, देश विशेष में मांग व आपूर्ति जरूर अलग-अलग हो सकती है लेकिन कीमतों में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है।