नई दिल्ली। घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट यानि पी-नोट के जरिये निवेश फरवरी के अंत में बढ़कर 68,862 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह लगातार दूसरा महीना है जब पी नोट के जरिये होने वाला निवेश बढ़ा है। यह तेजी तब आयी है जब कोरोना वायरस महामारी के कारण मंदी की आशंका के बीच शेयर बाजारों में गिरावट का रुख है। पी-नोट, पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानि एफपीआई उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं जो सीधे तौर पर पंजीकृत हुए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि उन्हें जांच-पड़ताल की प्रक्रिया से गुजारना पड़ता है।
जनवरी में पी-नोट के जरिये निवेश 67,281 करोड़ रुपये था। ये निवेश शेयर, बांड, हाइब्रिड प्रतिभूतियों (बांड और इक्विटी दोनों की विशेषता रखने वाले) और डेरिवेटिव्स में किये जाते हैं। कुल 68,862 करोड़ रुपये में से 53,902 करोड़ रुपये इक्विटी शेयर जबकि 14,739 करोड़ रुपये बांड में लगाये गये। कुल 144 करोड़ रुपये डेरिवेटिव्स खंड में 77 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में निवेश किये गये। इस बीच, कोरोना वायरस महामारी, कमजोर आर्थिक आंकड़ा तथा कंपिनयों के निराशाजनक परिणाम के कारण सतर्क रुख अपनाते हुए एफपीआई ने पिछले महीने शेयर में 1,820 करोड़ रुपये और 4,734 करोड़ रुपये बांड में निवेश किये।