नई दिल्ली। देश की दूसरी बड़ी आईटी सेक्टर की कंपनी इन्फोसिस के फाउंडर्स अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे है। माना जा रहा है कि फाउंडर्स ब्लॉक डील के जरिए हिस्सा बेच सकते हैं। ब्लॉक डील कई चरणों में पूरी हो सकती है। हालांकि, नारायण मूर्ति ने हिस्सा बेचने की खबर से इनकार किया है। नारायण मूर्ति और उनके परिवार का इंफोसिस में 3.44 फीसदी हिस्सेदारी है। आपको बता दें कि फाउंडर्स का इंफोसिस में 12.75 फीसदी हिस्सा है और इसका वैल्युएशन करीब 28,000 करोड़ रुपए के आसपास है। यह भी पढ़े:
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क्यों बेचना चाहते है हिस्सेदारी
फाउंडर्स इंफोसिस के पिछले 3 साल के प्रदर्शन से नाखुश हैं। फाउंडर्स, मैनेजमेंट और बोर्ड के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। फरवरी में सीईओ विशाल सिक्का और नारायण मूर्ति में विवाद सामने आया था। नारायण मूर्ति ने कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठाए थे। नारायण मूर्ति ने सीनियर एक्जिक्यूटिव की ऊंची सैलरी पर सवाल उठाए थे।यह भी पढ़े: नारायण मूर्ति ने दिया IT इंडस्ट्री में छंटनी रोकने का आइडिया, वरिष्ठ अधिकारियों की सैलरी में हो कटौती
फाउंडर्स के पास है 12.75 फीसदी हिस्सेदारी
शेयर पर होगा असर
इन्फोसिस के सह-संस्थापकों मूर्ति, निलेकणी, क्रिस गोपालकृष्णन, एसडी शिबूलाल और के दिनेश के पास कंपनी की न तो कार्यकारी और न ही कोई गैर-कार्यकारी जिम्मेदारी है। फिर भी आईटी सेक्टर के लिए कारोबारी अनिश्चितताओं के दौर में उनका इन्फोसिस से अपना वास्ता पूरी तरह खत्म कर लेने से कंपनी के शेयर कमजोर हो सकते हैं। यह भी पढ़े: Infosys के CEO विशाल सिक्का का वेतन FY17 में 67% घटा, फिर भी कर्मचारियों के औसत वेतन से 283 गुना है अधिक