नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने आज अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे पेश कर दिए हैं। बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़कर 412.28 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक ने 358.56 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। इसी के साथ ही बैंक की प्रोविजनिंग में भी बढ़त देखने को मिली है। इंडियन बैंक में एक अप्रैल, 2020 से इलाहाबाद बैंक का विलय हुआ है। नतीजों में इस विलय का भी असर पड़ा है।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 11,669 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6,045 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान कुल ऋण पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर 9.89 प्रतिशत हो गईं, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.20 प्रतिशत थीं। हालांकि, बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 2.96 प्रतिशत रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3.54 प्रतिशत था। तिमाही के दौरान डूबे कर्ज और अन्य आकस्मिक खर्च के लिए बैंक का प्रावधान बढ़कर 2,284 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 909 करोड़ रुपये था। सिर्फ डूबे कर्ज के लिए बैंक का प्रावधान 720 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,880 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सितंबर तिमाही के खत्म होने तक प्रोविजन कवरेज रेश्यो बढ़कर 84.39 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है।
नतीजों के बाद बैंक ने कहा कि कोरोना संकट का बैंक के प्रदर्शन पर कितना असर पड़ेगा ये इस बात पर तय करेगा कि महामारी को लेकर आगे स्थितियां क्या रहती हैं। बैंक के मुताबिक फिलहाल इसे लेकर काफी अनिश्चितता बनी हुई है।