वाशिंगटन: गीता गोपीनाथ ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री का पदभार संभाल लिया है। वह यह दायित्व संभालने वाली पहली महिला हैं। मैसूर (भारत) में जन्मी गीता गोपीनाथ को ऐसे समय इस बहुपक्षीय वित्तीय संगठन के मुख्य आर्थिक सलाहकार की जिम्मेदारी दी गई है जब यह अनुभव किया जा रहा है कि आर्थिक वैश्वीकरण की गाड़ी उल्टी दिशा में मुड़ रही है और उससे बहुपक्षीय संस्थाओं के सामने भी चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।
गीता गोपीनाथ (47) हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाती रही हैं। वह मुद्राकोष में मौरिस ओब्स्टफील्ड की जगह लाई गईं हैं जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी नियुक्ति की घोषणा गत पहली अक्तूबर को की गई थी। मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने उस समय गीता गोपीनाथ को दुनिया का एक विलक्षण और अनुभवी अर्थशास्त्री बताया था। उन्होंने कहा था कि गीता विश्व में महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं। वह मुद्राकोष की 11वीं मुख्य अर्थशास्त्री हैं।
गीता गोपीनाथ ने हाल में हार्वर्ड गजट के साथ बातचीत में अपनी इस नियुक्ति को एक ‘‘ बड़ा सम्मान’’ बताया था। इसी बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जिन मुद्दों पर अनुसंधान करना चाहेंगी उनमें एक मुद्दा यह भी है कि अंतराष्ट्रीय व्यापार और वित्त में अमेरिकी डालर जैसी वर्चस्व वाली मुद्राओं की भूमिका असल में है क्या?
बता दें कि गीता गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से B A की डिग्री ली है। इसके अलावा उन्होंने M A दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से किया है। वहीं, साल 2001 में उन्होंने पीएचडी, प्रिंसटन विश्वविद्यालय से की।
(इनपुट-भाषा)