मुंबई। त्योहारी एवं वैवाहिक मौसम तथा आकर्षक कीमत के कारण अप्रैल-जून तिमाही में देश में सोने की मांग 13 प्रतिशत बढ़कर 213.20 टन पर पहुंच गयी। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्लयूजीसी) ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। परिषद ने अपनी रिपोर्ट ‘गोल्ड डिमांड ट्रेंड’ में कहा कि पिछले साल की समान तिमाही में देश की कुल स्वर्ण मांग 189.20 टन रही थी। मूल्य के संदर्भ में इस दौरान सोने की मांग पिछले साल के 53,260 करोड़ रुपये से 17 प्रतिशत बढ़कर 62,422 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी।
परिषद के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि शानदार व्यापार संवर्धन,त्योहारी दिनों की अधिक संख्या तथा कम कीमत के कारण उपभोक्ताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण 2019 की दूसरी तिमाही में देश की स्वर्ण मांग में 13 प्रतिशत की तेजी देखी गयी। इस दौरान आभूषणों की मांग 149.90 टन से 12 प्रतिशत बढ़कर 168.60 टन पर पहुंच गयी। मूल्य के संदर्भ में आभूषणों की मांग 17 प्रतिशत बढ़कर 49,380 टन रही। निवेश मांग में 13 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली और यह 44.50 टन पर पहुंच गयी।
मूल्य के संदर्भ में निवेश मांग 18 प्रतिशत बढ़कर 13,040 करोड़ रुपये रही। देश में सोने का पुनर्चक्रीकरण 18 प्रतिशत बढ़कर 37.90 टन हो गया। सोमासुंदरम ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर नरमी तथा चुनाव के दौरान नकदी प्रवाह में शिथिलता के बाद भी साल की पहली छमाही में देश में सोने की मांग में नौ प्रतिशत की तेजी रही और 372.20 टन पर पहुंच गयी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने 17.70 टन सोने की खरीद की। उन्होंने आयात के बारे में कहा कि मांग से आपूर्ति के अधिक होने के कारण आयात कम रहेगा।