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India rice export rose 4 per cent during April June this year
नई दिल्ली। पिछले 4 साल से भारत दुनियाभर में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है और लगता है कि इस साल भी यह पहले नंबर पर बना रहेगा। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही यानि अप्रैल से जून के दौरान देश से चावल निर्यात में 4 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है, वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा की तरफ से यह जानकारी दी गई है।
जानिए बासमती और गैर बासमती एक्सपोर्ट का हाल
एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल से जून के दौरान देश से कुल 31.49 लाख टन चावल का निर्यात हो चुका है जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के दौरान देश से 30.16 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था। इस साल निर्यात हुए कुल 31.49 लाख टन में से 11.70 लाख टन बासमती चावल है और 19.79 लाख टन गैर बासमती चावल। पिछले साल इस दौरान 12.58 लाख टन बासमती और 17.58 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था। यानि इस साल बासमति चावल का निर्यात कुछ पिछड़ा है डबकि गैर बासमती चावल का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।
ये देश खरीदते हैं भारत से चावल
भारत से बासमती चावल का सबसे अधिक निर्यात ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात, इराक और कुवैत को होता है जबकि गैर बासमती चावल के मामले में बांग्लादेश, सेनेगल, बेनिन, नेपाल और इंडोनेशिया बड़े खरीदार हैं। प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों में चावल भारत से सबसे ज्यादा निर्यात होने वाला उत्पाद है। 2017-18 में पूरे वित्त वर्ष के दौरान देश से 127 लाख टन से ज्यादा चावल का निर्यात हुआ था जो अबतक का रिकॉर्ड है। इस साल अबतक जिस रफ्तार से निर्यात हो रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि पिछले साल का रिकॉर्ड टूट सकता है।