नई दिल्ली। लंबे समय से दबाव में चल रहा ग्वारगम निर्यात का बाजार एक बार फिर से पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है, मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान देश से ग्वारगम का निर्यात 3 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंचा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 के मुकाबले 2017-18 के दौरान देश से ग्वारगम निर्यात में करीब 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के दौरान देश से कुल 494126 टन ग्वारगम का निर्यात हुआ है जो वित्तवर्ष 2014-15 के बाद सबसे अधिक सालाना निर्यात है और 2016-17 से 18 प्रतिशत ज्यादा है, 2016-17 में 419952 टन ग्वारगम का एक्सपोर्ट हुआ था। मूल्य के आधार पर बात करें तो 2017-18 के दौरान कुल 4170 करोड़ रुपए का ग्वारगम एक्सपोर्ट हुआ है जबकि 2016-17 में 3107 टन का निर्यात हुआ था।
भारतीय ग्वारगम का सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है, 2017-18 में भी जो एक्सपोर्ट हुआ है उसका बहुत बड़ा हिस्सा अमेरिका ने ही आयात किया है, आंकड़ों के मुताबिक कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत है। कुल निर्यात में से अमेरिका ने 2 लाख टन से ज्यादा ग्वारगम की खरीद की है। अमेरिका में ग्वारगम का इस्तेमाल ऑयल एंड गैस सेक्टर में लुब्रिकेंट के तौर पर होता है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से अमेरिका अपने यहां तेल और गैस उत्पादन बढ़ा रहा है और इसके लिए उसे ग्वारगम के तौर पर ज्यादा लुब्रिकेंट की जरूरत है, और वह अपनी जरूरत भारत से पूरा कर रहा है।