नई दिल्ली। विदेशों में कमजोर रुख के बीच आभूषण विक्रेताओं की मांग कमजोर पड़ने से दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोने के भाव 50 रुपए की गिरावट के साथ 29,550 रुपए प्रति दस ग्राम रह गए। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं का उठाव सुस्त पड़ने से चांदी के भाव 580 रुपए की गिरावट के साथ 42,070 रुपए प्रति किलो बोले गए।
- सिंगापुर में सोने के भाव 0.16 प्रतिशत गिरकर 1213.50 डॉलर प्रति औंस रह गया।
- चांदी के भाव 0.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17.34 डॉलर प्रति औंस रहे।
- दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 शुद्धता के भाव 50 रुपए की गिरावट के साथ क्रमश: 29,550 रुपए और 29,400 रुपए प्रति दस ग्राम बंद हुए।
- गिन्नी के भाव पूर्वस्तर 24,400 रुपए प्रति आठ ग्राम पर स्थिर बने रहे।
- चांदी तैयार के भाव 580 रुपए की गिरावट के साथ 42,070 रुपए रही।
- चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 545 रुपए टूटकर 41,720 रुपए प्रति किलो रही।
- चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 72,000, 73,000 रुपए प्रति सैंकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
2016 में 675.5 टन सोने की हुई खरीद-बिक्री
2016 के दौरान देश में सोने की मांग में 21 प्रतिशत की जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। इस साल देश में 675.5 टन सोने का कारोबार हुआ। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) का कहना है कि सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल, पैन कार्ड की अनिवार्यता तथा नोटबंदी की वजह से सोने की मांग में यह कमी आई है।
- डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के अनुसार 2015 में देश में सोने की मांग 857.2 टन रही थी।
- हालांकि, वैश्विक स्तर पर बीते साल सोने की मांग दो प्रतिशत बढ़कर 4,309 टन पर पहुंच गई।
- अमेरिका में गोल्ड ईटीएफ में प्रवाह तथा चीन में छड़ और सिक्कों की मांग बढ़ने से वैश्विक स्तर पर सोने की मांग में इजाफा हुआ।
- 2015 में वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 4,216 टन रही थी।
- 2016 में देश में सोने के आभूषणों की मांग में 22.4 प्रतिशत की कमी आई और यह 514 टन पर आ गई।
- 2015 में यह 662.3 टन रही थी।
- मूल्य के हिसाब से आभूषणों की मांग 12.3 प्रतिशत घटकर 1,38,837.8 करोड़ रुपए पर आ गई, जो 2015 में 1,58,310.4 करोड़ रुपए थी।
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा,
हालांकि, 2016 में देश में सोने की मांग में भारी गिरावट आई लेकिन चौथी तिमाही में यह तीन प्रतिशत बढ़कर 244 टन रही। इसकी मुख्य वजह कीमतों में गिरावट तथा साथ ही दीवाली का त्योहार और शादी-ब्याज का सीजन है।
- उद्योग को कई तरह की चुनौतियां झेलनी पड़ी हैं, मसलन पैन कार्ड की अनिवार्यता, आभूषणों पर उत्पाद शुल्क, नोटबंदी तथा आय घोषणा योजना को लेकर प्रचार, जिससे मांग प्रभावित हुई है।
तस्वीरों में देखिए सोने से जुड़े रोचक फैक्ट
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- ग्रामीण समुदाय नकदी संकट से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
- हालांकि, यह प्रभाव अस्थायी रहने की संभावना है क्योंकि बेहतर आय तथा अच्छे मानसून की वजह से आगे सोने की मांग को समर्थन मिलेगा।