नई दिल्ली। शेयर बाजार के रिकॉर्ड स्तरों के करीब रहने के साथ ही बाजार में आईपीओ का नया दौर भी शुरू हो गया है। बीते समय में आए कुछ इश्यू में ऊंचे रिटर्न को देखते हुए बाजार के जानकार आशंका जता रहे हैं कि आने वाले कुछ समय में निवेशकों का रुझान प्राइमरी मार्केट की तरफ रह सकता है, जिससे शेयर बाजार में लिक्विडिटी पर असर देखने को मिलेगा। इस वजह से शेयर बाजार में सुस्ती या प्रॉफिट बुकिंग भी देखने को मिल सकती है।
क्या है प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट की गणित
शेयर बाजार में निवेशक प्राइमरी या सेंकेडरी मार्केट के जरिये निवेश करते है। आईपीओ प्राइमरी मार्केट का हिस्सा है वहीं शेयरों में कारोबार सेकेंडरी मार्केट में किया जाता है। शेयर की लिस्टिंग के दिन सर्किट लिमिट न होने की वजह से बेहद ऊंचे रिटर्न की उम्मीद में निवेशकों के बीच आईपीओ को लेकर काफी क्रेज रहता है, हालांकि सेकेंडरी मार्केट से अलग आईपीओ में शेयर अलॉट होते हैं और कुछ दिनों के लिये पैसा बैंक में ब्लॉक रहता है। यानि इश्यू बंद होने से पहले और शेयर अलॉट होने तक निवेशक अपना पैसा इस्तेमाल नहीं कर सकते। यही वजह है कि अक्सर बड़े आईपीओ के आने पर बाजार के जानकार आशंका जताते हैं कि निवेशकों की एक बड़ी रकम कुछ समय के लिये बैंक खातों में ब्लॉक हो जायेगी। सिस्टम में लिक्विडिटी में कमी की इसी संभावना को लेकर बाजार आशंकित रहता है। वहीं ये भी देखने को मिलता है कि निवेशक ऊंचे स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स में से पैसा निकाल कर आईपीओ में लगाते हैं, जिससे संभावना बनती है कि बड़े आईपीओ आने पर ये ऊंचे स्तरों पर पहुंचे बाजार में मुनाफावसूली को ट्रिगर कर सकता है।
अगले 15 दिन में 27,000 करोड़ रुपये के आईपीओ
बाजार की आशंकायें आईपीओ पाइपलाइन को देखकर भी ज्यादा बढ़ रही हैं, दरअसल नवंबर के पहले पखवाड़े में पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस और पॉलिसीबाजार की मूल कंपनी पीबी फिनटेक सहित पांच कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम आ रहे हैं। इन आईपीओ से 27,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटने की उम्मीद है। वहीं आज बंद हुआ नायका का आईपीओ 82 गुना ज्यादा सब्सक्राइब हुआ है। वहीं फिनो पेमेंट्स बैंक का आईपीओ दो नवबर को बंद होगा। कुल मिलाकर इन सातों कंपनियों के आईपीओ से 33,500 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है।
क्या है बाजार के जानकारों की राय
एस्कॉर्टस सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के मुताबिक साइज में काफी बड़े आईपीओ जिसकों लेकर बाजार में रिस्पॉन्स भी अच्छा हो शेयर बाजार पर असर डाल सकते हैं। हालांकि मौजूदा स्थिति में जब पहले से ही बाजार में लिक्विडिटी का स्तर ऊंचा हो, मौजूदा आईपीओ से सेंकेडरी मार्केट पर असर पड़ने की संभावनाएं नहीं हैं। उनके मुताबिक हम पहले भी कई इश्यू को 100-100 गुना से ज्यादा ओवरसब्सक्राइब होता देख चुके हैं जिसमें निवेशकों ने लाख से डेढ़ लाख करोड़ रुपये के बराबर की एप्लीकेशन दी थी। हालांकि उस अवधि में भी बाजार में लिक्विडिटी का कोई दबाव नहीं देखने को मिला था। इसके साथ ही वीएम फाइनेंशियल के रिसर्च हेड विवेक मित्तल भी मानते हैं कि आने वाले एलआईसी जैसे आईपीओ से उम्मीद की जा सकती है कि वो बाजार पर असर डाले लेकिन फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है। उनके मुताबिक ये आईपीओ इतने बड़े नहीं है कि बाजार में लिक्विडिटी के प्रवाह को प्रभावित कर सकें।