नई दिल्ली। शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले रजिस्टर्ड निवेशकों के संख्या आज 8 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। शेयर बाजार में कारोबार को लेकर बढ़ती पारदर्शिता, बाजारों से मिलने वाले आकर्षक रिटर्न और निवेश की बेहद आसान प्रक्रिया की वजह से बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। नये निवेशकों में बड़ी संख्या खुदरा या छोटे निवेशकों की है। हाल के ही दिनों में आईपीओ बाजार के आंकड़े भी यही संकेत दे रहे हैं कि अब खुदरा या छोटे निवेशक पहले से कही ज्यादा संख्या के साथ बाजार में जुड़ रहे हैं। अगर आपने बाजार में कदम नहीं रखा है और चाहते हैं कि आप भी निवेश का फायदा उठाये तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि बाजार में निवेश की प्रक्रिया क्या है।
कैसे शुरू कर सकते हैं बाजार में निवेश
शेयर बाजार में निवेश के लिये आपके पास बाजार की समझ और कारोबार के लिय़े ट्रेडिंग, डीमैट और बैंक खाता होना आवश्यक है। कई बड़े ब्रोकरेज हाउस एक ही बार में ये तीनों खाते खोलने की सुविधा देते हैं। वहीं कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके लिये ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं और आप अपने पहले से मौजूद किसी बैंक खाते को इससे लिंक करा सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट वो अकाउंट होता है जिससे आप सौदे के लिये बोली लगा सकते हैं। शेयर खरीदने पर वो इलेक्ट्रॉनिक रूप में डीमैट खाते में जमा होते हैं। शेयर की बिक्री पर मिली रकम आपके बैंक खाते में जमा होती है। वहीं आप इस बैंक खाते से जरूरत के हिसाब से रकम को ट्रेडिंग के लिये जारी कर सकते हैं।
कैसा खुलता है डीमेट अकाउंट
डीमैट अकाउंट की सुविधा कई छोटे बड़े ब्रोकरेज हाउस देते हैं, अधिकांश ब्रोकेरज हाउस ऑनलाइन या ऑफलाइन डीमैट खाते खुलवाने की सुविधा दे रहे हैं। आप आवेदन भर कर जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर या फिर सीधे ब्रांच जाकर भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। खाता खोलने के लिये ब्रोकरेज हाउस का भरा हुआ फार्म, पैन नंबर, बैंक खाते से जुड़ी जानकारी, फोटोग्राफ आदि देने होते हैं। अकाउंट खोलने से पहले ब्रोकरेज हाउस वेरीफेकशन करती हैं, जिसके बाद आपको डीमैट अकाउंट का पासवर्ड और पिन नंबर जारी कर दिया जाता है। आपके द्वारा दिया गया बैंक खाता भी इस अकाउंट से लिंक होता है।
कैसे करते हैं बाजार में खरीदारी
ट्रेडिंग अकाउंट में निवेशकों के पास शेयर को खरीदने बेचने, आईपीओ में निवेश करने, म्यूचुअल फंड में निवेश करने जैसे निवेश के विकल्प दिये होते हैं। हर ब्रोकरेज हाउस का ऑनलाइन सिस्टम कुछ अलग होता है जिसे कुछ समय देकर समझा जा सकता है। इसके साथ ही ब्रोकरेज हाउस फोन बैंकिंग की तर्ज पर फोन के द्वारा भी निवेश के विकल्प देते हैं। ब्रोकरेज हाउस आपको खरीदारी की सुविधा देने के बदले एक ब्रोकरेज वसूलते हैं, इसके साथ ही खरीदारी पर टैक्स भी लगता है। निवेश का नफा नुकसान शेयर की कीमत के साथ इन अतिरिक्त शुल्क के आधार पर भी तय होता है। ऐसे में ब्रोकरेज हाउस का चुनाव करते वक्त सेवा, भरोसे के साथ साथ ब्रोकरेज की दर भी अहम हो जाती है।
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