नई दिल्ली। सरकार द्वारा फसलों के अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा से किसानों की क्रय क्षमता के बेहतर होने से दूसरी छमाही यानि सितंबर से मार्च के दौरान देश में सोने की मांग में 25 प्रतिशत तक की तेजी आने की संभावना है। देश में उद्योग संगठन ASSOCHAM और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की हाल में जारी हुई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
ASSOCHAM और WGC की रिपोर्ट के मुताबिक पहली छमाही यानि अप्रैल 2018 से सितंबर 2018 के दौरान देश में सोने की बिक्री की स्थिति उत्साहजनक नहीं रही थी। किसानों के लिए अनुकूल परिस्थितियां होने के कारण दूसरी छमाही में सोने की मांग में तेजी आने के आसार हैं। रपट में कहा गया है कि विश्लेषकों ने साल की दूसरी छमाही में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में सोने की मांग में 25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद जतायी है।
रिपोर्ट के मुताबिक अधिक MSP के कारण किसानों के हाथ में अधिक नकदी होगी, जिससे सोने की मांग बढ़ेगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोना विलासिता की वस्तु नहीं है और यहां तक कि गरीब लोग भी यह कीमती धातु खरीदते हैं। भारत सोने का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है और देश में हर साल सोने की खपत 800-900 टन रहती है।
केंद्र सरकार ने इस साल खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है, समर्थन मूल्य को फसल की लागत का डेढ़ गुना किया गया है। धान का समर्थन मूल्य 1750-1770 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग का 6975, तुअर का 5675, उड़द का 5600, सोयाबीन का 3399 रुपए और कपास का 5150-5450 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।