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इन्फोसिस, TCS के बाद HCL टेक करेगी शेयर बायबैक, 20 मार्च की बैठक में हो सकता है विचार

देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी HCL टेक की भी शेयर बायबैक करने की योजना है। कंपनी की 20 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में फैसले लिया जा सकता है।

Ankit Tyagi
Updated on: March 21, 2017 15:16 IST
इन्फोसिस, TCS के बाद HCL टेक करेगी शेयर बायबैक, 20 मार्च की बैठक में हो सकता है विचार- India TV Paisa
इन्फोसिस, TCS के बाद HCL टेक करेगी शेयर बायबैक, 20 मार्च की बैठक में हो सकता है विचार

नई दिल्ली। देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी HCL टेक की भी शेयर बायबैक करने की योजना है। कंपनी की 20 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में फैसले लिया जा सकता है। आपको बता दें कि आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी TCS और इन्फोसिस पहले ही शेयर बायबैक का ऐलान कर चुकी हैं। एचसीएल टेक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया है कि कंपनी का बोर्ड 20 मार्च को होने वाली मीटिंग में बायबैक पर विचार करेगा।

यह भी पढ़े: TCS के बोर्ड की 2850 रुपए के भाव पर शेयर बायबैक को मंजूरी, खर्च होंगे 16 हजार करोड़ रुपए

क्या कहते हैं नियम

  • बायबैक नियमों के मुताबिक, कोई भी कंपनी अपनी नेटवर्थ के 25 फीसदी तक शेयर बायबैक कर सकती है, अगर इसे कंपनी के आर्टिकल ऑफ असोसिएशन से मंजूरी मिल जाती है।
  • प्रमोटर के पास एचसीएल टेक की 60.38 फीसदी हिस्सेदारी है।
  • अगर प्रमोटर बायबैक ऑफर में हिस्सा नहीं लेता है तो बायबैक एक्सेप्टेंस रेशियो बढ़कर 11.46 फीसदी हो जाएगा।
  • इसके अलावा, बायबैक से कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) भी सुधरेगा क्योंकि इससे बैलेंस शीट में नकदी घटेगी।
  • इससे आरओई में बढ़ोतरी होगी। एचसीएल टेक की आरओई 2015-16 में घटकर 22 फीसदी पर आ गया जो कि जून 2015 में 32.69 फीसदी था।

अब आगे क्या

  • ऐनालिस्ट्स का कहना है कि आईटी कंपनियों में बायबैक के ऐलान की मची हड़बड़ी से साबित होता है कि कंपनियां सुस्त ग्रोथ के माहौल में शेयरहोल्डर्स को ज्यादा रिटर्न देने की जरूरत को समझ रही हैं।
  • हालांकि, बाजार इस पर तब ज्यादा उत्साहित होता, अगर कंपनियां मौजूदा बायबैक रूट को छोड़कर हाई पेआउट रेशियो सहारा लेने पर फोकस करतीं।
  • एक्सेंचर और कॉग्निजेंट ने ऐसा ही किया है। गौरतलब है कि इंडियन आईटी कंपनियां अपने फ्री कैश फ्लो का करीब 64 फीसदी हिस्सा डिविडेंड के तौर पर बांटती हैं, जबकि अमेरिकी आईटी कंपनियां 75 फीसदी से ज्यादा रकम डिविडेंड के तौर पर देती हैं।

शेयर बायबैक क्या होता है, कंपनियां बायबैक क्यों करती हैं?

शेयर बायबैक

  • शेयर बायबैक उस स्थिति को कहते हैं जब कंपनी अपनी पूंजी से अपने ही शेयर वापस ख़रीदती है
  • बायबैक मतलब कंपनी मानती है कि बाज़ार में शेयर के भाव कम मिल रहे हैं
  • शेयर बायबैक से कंपनी का इक्विटी कैपिटल कम हो जाता है
  • बाजार से वापस खरीदे गए शेयर खारिज हो जाते हैं
  • बायबैक किए गए शेयरों को दोबारा जारी नहीं किया जा सकता
  • इक्विटी कैपिटल कम होने से कंपनी की शेयर आमदनी यानी EPS बढ़ जाती है
  • बायबैक से शेयर को बेहतर P/E मिलता है

बायबैक: क्या रखें ध्यान

  • शेयर बायबैक की अधिकतम कीमत
  • बायबैक पर कंपनी कितना खर्च कर रही है
  • बायबैक कितने समय में पूरा होगा
  • बायबैक के समय कंपनी पर कितना रिज़र्व और सरप्लस

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