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बढ़ सकती हैं गेहूं की कीमतें, सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया

किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था

Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Published on: May 24, 2018 11:48 IST
Govt rises import duty on wheat to 30 percent- India TV Paisa

Govt rises import duty on wheat to 30 percent

नई दिल्ली। किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था।

देश में इस साल गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार हुई है जिस वजह से भाव पर दबाव की आशंका थी, लेकिन सरकारी एजेंसियों ने किसानों से लक्ष्य से ज्यादा गेहूं की खरीद की जिस वजह से अभी तक अधिकतर मंडियों में गेहूं का भाव सरकार के तय किए हुए 1735 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य के ऊपर बना हुआ है। सरकारी एजेंसियों ने 21 मई तक देशभर से कुल 332.60 लाख टन गेहूं खरीदा है, इसमें सबसे अधिक पंजाब से 126.12 लाख टन, हरियाणा से 87.37 लाख टन, मध्य प्रदेश से 67.80 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 36.05 लाख टन, राजस्थान से 13.99 लाख टन और बाकी खरीद उत्तराखंड, चंडीगढ़ और गुजरात से हुई है। इस साल पैदावार की बात करें तो देश में 986 लाख टन गेहूं पैदा हुआ है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन है।

अब क्योंकि सरकारी खरीद धीरे-धीरे बंद होने जा रही है तो ऐसे में भाव पर दबाव आने की आशंका थी, साथ में आटा मिलों की तरफ से विदेशी गेहूं आयात के प्रयास भी तेज होने लगे जो घरेलू बाजार में सप्लाई को बढ़ा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। देश में हालांकि जरूरत से ज्यादा गेहूं पैदा होता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव कम होने की वजह से दक्षिण भारत में आटा मिलों को ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से आयात हुआ गेहूं सस्ता पड़ता है, ऐसे में मिलें घरेलू गेहूं के बजाय विदेशों से खरीद लेती हैं। लेकिन अब आयात शुल्क बढ़ने से विदेशी गेहूं भी महंगा हो जाएगा। वित्तवर्ष 2016-17 के दौरान देश में कम पैदावार हुई थी जिस वजह से लगभग 58 लाख टन गेहूं का आयात हुआ था लेकिन पिछले साल पैदावार अच्छी थी और आयात घटकर 17 लाख टन के करीब हुआ है।

सरकार के इस कदम से गेहूं किसानों को तो लाभ होगा लेकिन उपभोक्ताओं पर मार पड़ सकती है। आयात शुल्क बढ़ने से गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है जिससे आटा, सूजी, मैदा और गेहूं से बनने वाले तमाम उत्पादों के भी दाम बढ़ सकते हैं।

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