नई दिल्ली। देश के चना किसानों को आयातित दलहन की मार से बचाने के लिए सरकार ने देश में सबसे ज्यादा आयात होने वाले दलहन पीले मटर के आयात पर अंकुश लगा दिया है। बुधवार को इस सिलसिले में विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक 3 महीने के लिए देश में पीले मटर के आयात पर अंकुश रहेगा।
देश में इस साल चने का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है और अगले 3 महीने के दौरान ही चने की फसल मंडियों में पहुंचती है, ज्यादा पैदावार और आवक बढ़ने से चने की कीमतों में ज्यादा गिरावट न आए इसके लिए सरकार ने एहतियात के तौर पर विदेशों से दलहन आयात पर अंकुश लगाया है और 3 महीने के लिए पीले मटर के आयात को रोक दिया है। देश में जितनी भी दालों का आयात होता है उसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पीले मटर की ही होती है।
केंद्र सरकार ने इस साल चने के लिए 4400 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है, लेकिन चने की रिकॉर्ड पैदावार की वजह से देश की ज्यादातर मंडियों में इसका भाव समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है। किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने के लिए सरकारी एजेंसियों ने कई जगहों पर खरीद शुरू की हुई है लेकिन वह सीमित मात्रा में हो रही है।
केंद्रीय एजेंसी नैफेड ने 20 अप्रैल तक देश के 6 प्रमुख चना उत्पादक राज्यों यानि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से कुल 346214 टन चने की खरीद की है, करीब 241325 किसानों से यह खरीद की गई है। हालांकि चने के उत्पादन की बात करें तो इस साल देश में 111 लाख टन चना पैदा होने का अनुमान है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा। फसल वर्ष 2017-18 में कुल दलहन उत्पादन 239.5 लाख टन अनुमानित है जो दलहन उत्पादन का भी रिकॉर्ड है और देश की जरूरत को पूरा करने के लिए लगभग पर्याप्त है, ऐसे में ज्यादा आयात की जरूरत भी नहीं है जिसे देखते हुए सरकार ने पीले मटर के आयात को 3 महीने के लिए रोक दिया है।